![MP Sironj](https://i0.wp.com/asiannewsbharat.com/wp-content/uploads/2024/09/Add-a-heading-20.jpg?fit=1024%2C683&ssl=1)
MP Sironj
MP Sironj : सिरोंज : सिरोंज एसडीएम हर्षल चौधरी को हाईकोर्ट से 14 अगस्त को आदेश मिला है कि ग्राम वरबट पुर की जमीन खाली करवाकर भूमि स्वामी हरकुवर बाई पत्नी गंभीर सिंह को सौंप दी जाए, वरना उन पर कोर्ट की अवमानना का केस
चलाया जाएगा। इसके साथ ही एसडीएम को 4 सितंबर तक मामले में कार्रवाई कर हाईकोर्ट में अपना जबाब पेश करना है। इस गांव में 35-40 परिवार आदिवासी सेहरिया निवास करते है।
अब उनके सामने गांव छोड़ने का संकट आ खड़ा हुआ है।हाई कोर्ट का आदेश मिलने के बाद दो बार एसडीएम और दो बार तरहसीलदार प्रजापति व हल्का पटवारी गांव जाकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर चुके है।
प्रशासन सभी ग्रामीण परिवारों को उनकी नाम की जमीनों और पट्टों पर पीएम आवास स्वीकृत करने की बात भी कर रहा है। मगर गांव वाले जमीन खाली करने को तैयार नहीं है।
यह है मामला
सिरोंज तहसील की ग्राम पंचायत करैय्याहाट में आदिवासियों का एक गांव है वरबटपुर। इसमें सेहरिया जनजाति के करीब 40 कच्चे मकान है, जिनमें करीब 90-100 लोगों की आबादी रहती है।
यह लोग यहां 70 साल से अधिक समय से रह रहे हैं। गांव में सरकारी स्कूल, हैंडपंप, बिजली के खंभे, सरकारी खड़ंजा मार्ग जैसी बुनियादी सुविधाएं भी हैं,
लेकिन कुछ साल पहले पता चला कि जिस जमीन पर इन आदिवासियों के मकान बने हैं वो किसी की निजी भूमि हैं।
2013 में जब रकबा नंबर 108 और 109 का सीमांकन किया गया
तो आदिवासियों की इस बस्ती की जमीन हरकुवर बाई पत्नी गंभीर सिंह गुर्जर का है, ये बात सामने आई। जिस पर तहसीलदार न्यायालय ने बेदखली के आदेश पारित कर दिए।
रेहवासी आदिवासियों ने एसडीएम कोर्ट और कमिश्नर कोर्ट में बेदखली रुकवाने के लिए अपील दायर कर दी लेकिन वे केस हार गए ।
MP Sironj
जनवरी 2023 में कमिश्नर कोर्ट से आदिवासियों को धारा 250 के तहत अतिक्रमण से हटाने का आदेश हरकुवर बाई पत्नी गंभीर सिंह के पक्ष में जारी कर दिया गया। जिस पर सिरोंज प्रशासन की ओर से बेदखली की कार्रवाई गतिशील की
गई। मानवीय पहलू के तहत आदिवासियों को सख्ती से नहीं हटाया गया।जुलाई 2024 में हरकुवर बाई गंभीर सिंह ने हाई कोर्ट ग्वालियर में कोर्ट की अवमानना का केस लगा
Sheopur Madhya Pradesh : प्रेमी जोड़े ने एसपी ऑफिस पहुंचकर लगाई सुरक्षा की गुहार…जानें पूरा मामला
दिया कि सिरोंज एसडीएम हर्षल चौधरी कमिश्नर कोर्ट के फैसले के बाद भी जमीन से अतिक्रमण नहीं हटवा रहे हैं। जिस पर है कोर्ट ने 4 सितंबर तक एसडीएम को जबाब पेश करने का आदेश दिया हैं।
फंस गया पेंच
एक तरफ अति गरीब आदिवासियों के परिवार है, जो 70-75 साल से इस जमीन पर कच्चे मकान बनाकर रह रहे है तो दूसरी तरफ इनको गांव खाली करने के लिए हाईकोर्ट का आदेश आया हुआ है।
प्रशासन ने गांव वालों से जब बात की तो उन्होंने गांव खाली करने से मना कर दिया. प्रशासन ने सभी मकानों के बदले पीएम आवास देने की बात कही है लेकिन आदिवासी टस से मस होने को राजी नहीं है।
साथ ही लोगों का कहना है कि तीन पीढ़ी से यहां रह रहे है, जान दे देंगे लेकिन जगह नहीं छोड़ेंगे ।
एसडीएम हर्षल चौधरी ने बताया कि आदिवासियों से सहानुभूति है
लेकिन कोर्ट के आदेश का पालन तो करना ही पड़ेगा। इस मामले में सरपंच प्रतिनिधि नरेंद्र पालीवाल ने कहा कि गरीबों के मकान बारिश के मौसम में न तोड़े जाएं।
मैं जमीन का मूल्य या जमीन के बदले जमीन देने को तैयार हूं लेकिन लंबी लड़ाई लड़ चुके गंभीर सिंह अपनी गांव की जमीन पर अपना कब्जा चाहते है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.