

कभी आसमान छूने वाले टमाटर के दाम अब जमीन पर आ गए हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल मीम्स “अहा टमाटर बड़े बड़े मजेदार” खूब चर्चित थे, क्योंकि उस समय टमाटर के दाम 80 रुपये किलो तक पहुंच गए थे। लेकिन अब वही टमाटर किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। सागर जिले के बाजारों में टमाटर 5 रुपये में 2 किलो तक बिक रहा है, जबकि किसानों को मंडी में 1 रुपये किलो भी मुश्किल से मिल रहा है।
बुंदेलखंड के सागर में टमाटर की फसल बंपर हुई है, लेकिन अत्यधिक उत्पादन और अचानक मौसम में बदलाव के कारण कीमतें लगातार गिर रही हैं।
किसान बबलू ने कहा,
“डेढ़ एकड़ में 2 लाख रुपये की लागत से टमाटर की फसल तैयार की थी। शुरू में फसल ने लागत निकाल दी, लेकिन अब जब मुनाफा मिलने का समय आया, तो दाम इतनी बुरी तरह गिर गए हैं कि लागत भी मुश्किल से निकल रही है।”
सागर के आसपास की मंडियों में हालात और खराब हैं।
पहले झांसी और आगरा जैसे बड़े शहरों से व्यापारी यहां आकर टमाटर खरीद रहे थे। लेकिन अब दाम गिरने के कारण व्यापारी भी दूरी बना रहे हैं। किसान अब खुद व्यापारियों को फोन कर बुलाने की कोशिश कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि टमाटर की खेती में मेहनत और लागत अधिक होती है। ऐसे में मौजूदा दाम उनकी उम्मीदों को तोड़ रहे हैं। सरकार से किसानों को फसल के उचित मूल्य की मांग है।
टमाटर की कीमतों में इस भारी गिरावट से न केवल किसान, बल्कि सब्जी विक्रेता भी परेशान हैं। जरूरत है कि सरकार और संबंधित विभाग इस समस्या का समाधान निकालें, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके।
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