
India-Afghanistan relations
India-Afghanistan relations: नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वह भारत और अफगानिस्तान के संबंधों में हस्तक्षेप न करे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से सीधी बात की, जो तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली ऐसी मुलाकात है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का समय और चर्चा के मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण थे।
India-Afghanistan relations: आतंकवाद पर भारत की सख्ती
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है, लेकिन वहां आईएसआईएस-के, टीटीपी और अल-कायदा जैसे खतरनाक आतंकी समूह भी सक्रिय हैं। भारत ने साफ कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होना चाहिए। साथ ही, भारत चाहता है कि अफगानिस्तान पर पाकिस्तान का प्रभाव कम हो।
India-Afghanistan relations: पाकिस्तान की साजिश नाकाम
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अफगानिस्तान के बीच गलतफहमियां पैदा करने की कोशिश की थी। हालांकि, दोनों देशों ने वादा किया कि वे पाकिस्तान को अपनी दोस्ती में दरार नहीं डालने देंगे। पाकिस्तान ने अफवाह फैलाई थी कि भारत की मिसाइल अफगानिस्तान में गिरी, जिसे अफगानिस्तान ने खारिज करते हुए कहा, “यह पूरी तरह झूठ है।” भारत ने भी इसे “बकवास” करार दिया।
India-Afghanistan relations: चीन की बढ़ती नजदीकी और तालिबान का भरोसा
अफगानिस्तान अब चीन के करीब जा रहा है, जहां चीनी कंपनियों को खनन के ठेके मिले हैं, और इसमें पाकिस्तान की भूमिका भी है। फिर भी, तालिबान ने भारत को आश्वासन दिया कि उनकी जमीन से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकी समूह भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे।
India-Afghanistan relations: पाकिस्तान की नई अफवाह
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान अब यह झूठ फैला सकता है कि अफगान तालिबान कश्मीर पहुंच गया और उनके हथियार वहां इस्तेमाल हो रहे हैं। अफगानिस्तान ने इसे प्रचार बताते हुए कहा कि अगर कोई सबूत है तो पेश करो, हम जांच करेंगे।
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