
CG News: अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और चोरी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश, 2 बांग्लादेशी सहित 4 गिरफ्तार...
महासमुंद : महासमुंद जिले की पुलिस ने चोरी और अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी से जुड़े एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो बांग्लादेशी नागरिक, एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर और एक सहयोगी शामिल हैं। पुलिस ने फॉरेनर्स एक्ट 1946 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस ऑपरेशन के दौरान चोरी के सामान की खरीद-फरोख्त से लेकर हवाला के जरिए बांग्लादेश तक पैसे पहुंचाने की पूरी साजिश का खुलासा हुआ है।
फर्जी दस्तावेजों से छिपाई पहचान
जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी मिलन मंडल (40 वर्ष) और मोहम्मद शफीक शेख उर्फ बाबू शेख (43 वर्ष), दोनों बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के निवासी हैं। ये दोनों बर्तन बेचने के बहाने घरों की रेकी कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। अपनी असली पहचान छिपाने के लिए इन्होंने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा रखे थे।
इन आरोपियों को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल (70 वर्ष) के जरिए भारत में अवैध रूप से लाया गया था, जो पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर का रहने वाला है। चोरी का माल खपाने में सोनार जयदेव करमाकर (54 वर्ष) भी शामिल था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
58 लाख रुपये का माल बरामद
महासमुंद पुलिस ने जिले में हुई 9 चोरी की घटनाओं को सुलझाते हुए आरोपियों से करीब 58.52 लाख रुपये के हीरे, सोने और चांदी के आभूषण, 7,000 रुपये नकद और 46,000 रुपये की कीमत की एक मोटरसाइकिल जब्त की है।
पुलिस के अनुसार, जनवरी में बसना थाना क्षेत्र में दिनेश अग्रवाल के घर से 5 लाख रुपये और फरवरी में सांकरा थाना क्षेत्र में देवनाथ पटेल के घर से 4.43 लाख रुपये की चोरी हुई थी। इन मामलों में एक जैसा पैटर्न देखने के बाद पुलिस ने साइबर सेल, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से आरोपियों तक पहुंच बनाई।
2003 से भारत में सक्रिय था मुख्य आरोपी
पूछताछ में मिलन मंडल ने खुलासा किया कि वह 2003 से अब तक 10 बार बांग्लादेश से भारत आ चुका है। अफसर मंडल की मदद से वह अवैध रूप से सीमा पार करता था। अफसर मंडल बांग्लादेश से भारत और भारत से बांग्लादेश तक लोगों की अवैध आवाजाही का नेटवर्क चलाता था।
चोरी का माल पश्चिम बंगाल में जयदेव करमाकर को बेचा जाता था, जो बदले में हवाला के जरिए 18.10 लाख रुपये बांग्लादेश में मिलन मंडल की पत्नी को भेज चुका था। इसके लिए गणेश बर्मन नामक व्यक्ति महिला एजेंटों का इस्तेमाल करता था, जो सीमा पर खेती के बहाने कपड़ों में पैसे छिपाकर ले जाती थीं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
महासमुंद पुलिस की तेज़ कार्रवाई से इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों में मिलन मंडल और मोहम्मद शफीक शेख बांग्लादेश के रंगपुर राज्य से हैं, जबकि अफसर मंडल और जयदेव करमाकर पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के निवासी हैं। यह ऑपरेशन न केवल जिले में चोरी की वारदातों को सुलझाने में अहम साबित हुआ, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के नेटवर्क को उजागर करने में भी मील का पत्थर साबित हुआ है।
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