
World Bank Report
World Bank Report: नई दिल्ली। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में भारत ने आय समानता के मामले में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और यह विश्व का चौथा सबसे समान देश बन गया है। भारत का गिनी इंडेक्स 25.5 है, जो इसे स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद चौथे स्थान पर रखता है।
यह स्कोर भारत को चीन (35.7), संयुक्त राज्य अमेरिका (41.8) और सभी G7 व G20 देशों से आगे रखता है। विश्व बैंक की स्प्रिंग 2025 पॉवर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ में भारत की इस उपलब्धि को हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है।
क्या होता है गिनी इंडेक्स
गिनी इंडेक्स आय, संपत्ति या खपत के वितरण की समानता को मापता है, जहां 0 पूर्ण समानता और 100 पूर्ण असमानता को दर्शाता है। विश्व बैंक के डेटा के अनुसार, भारत 2011 में 28.8 के गिनी इंडेक्स से 2022 तक 25.5 तक पहुंचा, जो सामाजिक और आर्थिक समानता में निरंतर प्रगति को दर्शाता है।
एक दशक में 17.1 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में पिछले एक दशक में 17.1 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले हैं। 2011-12 में 16.2% आबादी $2.15 प्रति दिन से कम पर जी रही थी, जो 2022-23 तक घटकर मात्र 2.3% रह गई। सरकार ने इस उपलब्धि का श्रेय पिछले दशक में शुरू की गई विभिन्न योजनाओं को दिया है।
प्रमुख योजनाओं का योगदान:-
1.पीएम जन धन योजना: 55 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोलकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया।
2.आधार: 142 करोड़ से अधिक लोगों को डिजिटल पहचान प्रदान कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं की डिलीवरी को कुशल बनाया, जिससे मार्च 2023 तक 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।
3.आयुष्मान भारत: 41 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए गए, जो प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है।
4.स्टैंड-अप इंडिया और पीएम विश्वकर्मा योजना: इन योजनाओं ने उद्यमिता और कौशल विकास के माध्यम से हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाया।
डेटा में 167 देश शामिल
विश्व बैंक के डेटा में 167 देशों को शामिल किया गया, जिसमें भारत “मध्यम निम्न” असमानता श्रेणी में आता है, जहां गिनी स्कोर 25 से 30 के बीच होता है। भारत “निम्न असमानता” समूह में शामिल होने से केवल कुछ ही कदम दूर है। वैश्विक स्तर पर, केवल 30 देश इस श्रेणी में हैं, जिनमें आइसलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड और बेल्जियम जैसे मजबूत कल्याणकारी प्रणाली वाले यूरोपीय देश शामिल हैं।
भारत का समावेशी विकास मॉडल दुनिया के लिए माइलस्टोन
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, भारत का समावेशी विकास मॉडल अन्य विकासशील देशों के लिए एक उदाहरण है। यह दर्शाता है कि आर्थिक सुधारों और सामाजिक सुरक्षा का संतुलन समानता और विकास को एक साथ बढ़ा सकता है। यह उपलब्धि भारत की आर्थिक वृद्धि को सामाजिक समानता के साथ जोड़ने की क्षमता को रेखांकित करती है, जो इसे विश्व स्तर पर एक अनूठा मॉडल बनाता है।
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