
US-China Trade Agreement
US-China Trade Agreement : नई दिल्ली। वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा तय करने वाले दो महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच एक अहम व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस डील के तहत चीन अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स (दुर्लभ खनिज तत्वों) की आपूर्ति करेगा, जबकि अमेरिका चीन के छात्रों को अपने कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई की अनुमति देगा।
US-China Trade Agreement : व्यापार के बदले शिक्षा की एंट्री
यह समझौता व्यापार और शिक्षा दोनों क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका चीन को अपनी यूनिवर्सिटीज़ में चीनी छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति देगा, जबकि चीन मैग्नेट और अन्य दुर्लभ खनिज तत्वों की अमेरिका को आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। इन खनिजों का इस्तेमाल रक्षा, तकनीक और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होता है।
US-China Trade Agreement : टैरिफ में बदलाव: चीन 10%, अमेरिका 55%
इस समझौते के बाद टैरिफ स्ट्रक्चर में भी बदलाव किया गया है। जानकारी के अनुसार, अब चीन अमेरिका से आयात होने वाले सामानों पर सिर्फ 10% टैक्स लगाएगा, जबकि अमेरिका चीन से आयात पर 55% टैक्स वसूल करेगा। इससे अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
US-China Trade Agreement : प्रतिबंधों में राहत का रास्ता साफ
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने ब्लूमबर्ग टीवी से बातचीत में बताया कि अगर चीन रेयर अर्थ मिनरल्स की आपूर्ति करता है, तो अमेरिका भी चीन पर लगे निर्यात प्रतिबंधों को हटाने के लिए तैयार है। यह वही प्रतिबंध हैं जो अमेरिका ने मई में उस समय लगाए थे जब चीन पर जिनेवा बैठक के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।
US-China Trade Agreement : चीन की प्रतिक्रिया और संतुलन की उम्मीद
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने भी शुक्रवार को इस डील की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने फ्रेमवर्क की डिटेल्स को अंतिम रूप दे दिया है। हालांकि चीन ने अपने बयान में “रेयर अर्थ मैग्नेट्स” के स्पष्ट उल्लेख से परहेज़ किया है, लेकिन संकेत दिए हैं कि वो नियंत्रित वस्तुओं के निर्यात पर विचार कर सकता है। चीन का कहना है कि वो ऐसे निर्यात आवेदनों को मंजूरी देगा जो कानूनी रूप से निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं। बदले में, अमेरिका भी चीन पर लगाए गए प्रतिबंधात्मक उपायों को रद्द करेगा। दोनों देशों की ओर से संतुलित और बराबरी के दृष्टिकोण की उम्मीद जताई जा रही है।
US-China Trade Agreement : मई में हुई थी जिनेवा बैठक
गौरतलब है कि इस समझौते की नींव मई की शुरुआत में जिनेवा में हुई द्विपक्षीय बैठक में रखी गई थी। अमेरिका की ओर से इसमें ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और ट्रेड प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर शामिल हुए थे, जबकि चीन की ओर से उप प्रधानमंत्री लाइफेंग ने प्रतिनिधित्व किया था। इस मीटिंग का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को कम करना था।
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