
बेटा तुम इसे 2038 में ही खोलना खुदकुशी से पहले बेटे के लिए अतुल ने छोड़ा भावुक गिफ्ट
बेटा तुम इसे 2038 में ही खोलना खुदकुशी से पहले बेटे के लिए अतुल ने छोड़ा भावुक गिफ्ट
34 वर्षीय अतुल सुभाष, जो बेंगलुरु की एक प्राइवेट फर्म में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभाग में डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) के पद पर कार्यरत थे, ने अपनी जान ले ली। खुदकुशी से पहले उन्होंने अपने 4 साल के बेटे के लिए एक लिफाफा छोड़ा, जिस पर लिखा था, “बेटा, तुम इसे 2038 में ही खोलना।”
अतुल का प्रोफेशनल जीवन सफल दिखता था, लेकिन निजी जीवन में वह गंभीर तनाव झेल रहे थे। परिवार ने बताया कि वह काम के बढ़ते दबाव और मानसिक तनाव से परेशान थे। इसके बावजूद, उन्होंने कभी अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात नहीं की।
अतुल द्वारा छोड़ा गया बंद लिफाफा न केवल उनके परिवार, बल्कि समाज के लिए भी सवाल छोड़ गया है। उन्होंने यह संदेश स्पष्ट रूप से लिखा कि इसे केवल 2038 में खोला जाए। परिवार और दोस्तों को यह समझ नहीं आ रहा कि लिफाफे में क्या हो सकता है – यह अतुल के संघर्षों का राज है, कोई व्यक्तिगत संदेश, या उनके बेटे के लिए एक गाइडेंस।
यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल के दबाव के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर करती है। बेंगलुरु जैसे कॉर्पोरेट सिटी में काम करने वाले लोग अक्सर तनाव और दबाव के शिकार होते हैं। अतुल की खुदकुशी एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अतुल के परिवार पर यह घटना भारी पड़ रही है। उनके बेटे के लिए छोड़ा गया यह गिफ्ट परिवार के लिए भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण है। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बातचीत कितनी जरूरी है।
लिफाफे का राज 2038 में खुलेगा, लेकिन अतुल का यह कदम मानसिक स्वास्थ्य, कार्यस्थल की संस्कृति, और जीवन के दबावों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश छोड़ गया है। यह घटना समाज में संवेदनशीलता और समर्थन को बढ़ावा देने की जरूरत को उजागर करती है।
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