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Sambhal Jama Masjid Case : नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले में मुस्लिम पक्ष को बड़ी राहत मिली है, और मस्जिद के सर्वे पर रोक लगा दी गई है। यह फैसला उस विवादित मुद्दे पर आया है, जहां पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने जामा मस्जिद के सर्वे की योजना बनाई थी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मस्जिद का निर्माण किस आधार पर हुआ था और उसकी वैधता क्या है।
1. सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट की रोक:
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अपील पर जामा मस्जिद के सर्वे पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि इस मसले में अधिक संवेदनशीलता की जरूरत है, और किसी भी प्रकार की हस्तक्षेप से पहले सभी पक्षों को सुनने की प्रक्रिया जरूरी है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को लेकर निर्देश जारी किए हैं कि मस्जिद के विवादों को सुलझाने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाए।2. मुस्लिम पक्ष का बयान:
मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक बड़ी राहत है। उनका कहना था कि जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, और इसे विवादों में खींचने से पहले उसका सही सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।3. सरकार का रुख:
उत्तर प्रदेश सरकार ने जामा मस्जिद के सर्वे की योजना बनाई थी, यह जानने के लिए कि मस्जिद का निर्माण कब हुआ और क्या यह ऐतिहासिक स्थल के रूप में संरक्षित किया गया है। सरकार का कहना था कि यह कदम धार्मिक स्थलों के संरक्षण और उनकी वैधता की जांच करने के लिए उठाया गया है।4. कानूनी और धार्मिक महत्व:
जामा मस्जिद का मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद संवेदनशील है। इसे लेकर स्थानीय मुस्लिम समुदाय और धार्मिक संगठनों ने विरोध जताया था, क्योंकि वे इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते थे।5. अदालत की नजर में:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा मानते हुए सभी पक्षों से विस्तार से सुनवाई करने का आदेश दिया है। अदालत का उद्देश्य इस मामले में न्याय सुनिश्चित करना है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी कार्रवाई धार्मिक आस्थाओं या अधिकारों के खिलाफ न जाए।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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