
RBI MPC Meeting 2025
RBI MPC Meeting 2025: नई दिल्ली। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 7 से 9 अप्रैल के बीच होने जा रही है। अमेरिकी टैरिफ के कारण मची उथल-पुथल के बीच रेपो रेट में संभावित कटौती घरेलू निवेशकों के लिए राहत की सांस ला सकती है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि बैठक के नतीजों के बाद ही होगी। इस बार विशेषज्ञों का अनुमान है कि आरबीआई रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कमी कर सकता है।
RBI MPC Meeting 2025: पहले कब हुई थी बैठक? इससे पहले फरवरी 2025 में एमपीसी की बैठक आयोजित की गई थी। मौद्रिक नीति समिति की बैठक हर दो महीने में एक बार होती है, जिसमें रेपो रेट सहित कई अहम वित्तीय फैसले लिए जाते हैं। यह बैठक नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में उनकी दूसरी बैठक होगी।
RBI MPC Meeting 2025: बैंक ऑफ अमेरिका की भविष्यवाणी: बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आरबीआई आम लोगों को बड़ी राहत दे सकता है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कटौती की घोषणा कर सकता है।
RBI MPC Meeting 2025: रेपो रेट क्या है और यह ब्याज दरों को कैसे प्रभावित करता है?
-रेपो रेट का मतलब: यह वह ब्याज दर है, जिस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है।
-लोन की समय सीमा: यह ऋण एक निश्चित अवधि के लिए होता है, और बैंक इस दर के हिसाब से ब्याज चुकाते हैं।
-लंबी अवधि के लिए बैंक रेट: अगर बैंक लंबे समय के लिए कर्ज लेते हैं, तो यह बैंक रेट के आधार पर होता है।
-रेपो रेट बढ़ने का असर: रेपो रेट में बढ़ोतरी से बैंकों के लिए कर्ज महंगा हो जाता है, जिससे लोगों को भी ऊंची ब्याज दरों पर लोन लेना पड़ता है।
-रेपो रेट घटने का फायदा: अगर रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है, और लोग भी कम ब्याज दरों पर लोन हासिल कर पाते हैं।