
MP Lok Sabha 2024 Fourth Phase
MP Lok Sabha 2024 Fourth Phase
MP Lok Sabha 2024 Fourth Phase : मध्य प्रदेश में आज 8 सीटों पर लोकसभा चुनाव की आखिरी जंग हो रही हैं। प्रदेश की इन सीटों पर सुबह 7 बजे से मतदान डाले जा रहे हैं। आखिरी चरण की सीटों पर सीएम सहित कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है.
MP Lok Sabha 2024 Fourth Phase : जिसमें सीएम के गृह नगर उज्जैन और कैलाश विजयवर्गीय व जीतू पटवारी का गृह क्षेत्र इंदौर भी शामिल है। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मध्य प्रदेश की आखिरी 6 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे 74 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का आज फैसला हो रहा है।
इन छह लोकसभा सीटों पर सोमवार सुबह 7 बजे से मतदान हो रहा है। इसके लिए 18 हजार 7 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें 1 करोड़ 63 से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में लोकसभा का यह आखिरी चरण है.
इस आखिरी चरण में उम्मीदवारों के अलावा बीजेपी-कांग्रेस के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। मध्य प्रदेश के आखिरी चरण में 8 लोकसभा सीटों देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौर और खंडवा लोकसभा सीटों पर आज वोट डाले जा रहे हैं।
MP Lok Sabha 2024 Fourth Phase
इन 8 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस सहित कुल 74 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं, जिसमें 5 महिलाएं हैं. सबसे ज्यादा उम्मीदवार इंदौर में 14 और खरगौन में 5 हैं. 8 सीटों में सबसे ज्यादा 25.26 लाख मतदाता इंदौर में हैं, जबकि सबसे कम 17.98 लाख मतदाता उज्जैन में हैं।
रतलाम लोकसभा सीट पर महिला मतदाता किंग मेकर बनेंगी. इस सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता ज्यादा हैं. यहां कुल मतदाता 20 लाख 94 हजार हैं, जिसमें से 10.54 लाख महिला मतदाता हैं, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 10.39 है।
8 सीटों पर मतदान के लिए कुल 18 हजार 7 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें से 3080 संवेदनशील मतदान केन्द्र हैं. इसके अलावा 2001 पिंक बूथ बनाए गए हैं, जहां सभी महिला कर्मचारी ही मतदान कराएंगी. साथ ही 66 ऐसे मतदान केन्द्र भी हैं, जहां मतदान कराने की
जिम्मेदारी दिव्यांगों को सौंपी गई है। लोकसभा के चौथे चरण में बीजेपी के 46 और कांग्रेस के 17 विधायकों की साख दांव पर लगी है. 8 लोकसभा सीटों में बीजेपी के पास 46 विधानसभा सीट, जबकि कांग्रेस की 17 सीटें शामिल हैं.
इनमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, डॉ. विजय शाह, चेतन कश्यप, इंदर सिंह परमार, निर्मला भूरिया और नागर सिंह चौहान शामिल हैं।
उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह क्षेत्र इंदौर के राऊ, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव की साख भी दांव पर लगी है. हालांकि जीतू पटवारी पहले ही विधानसभा चुनाव हार चुके हैं.
उधर पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया इस बार रतलाम झाबुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। एसटी के लिए आरक्षित इस लोकसभा सीट पर कुल 12 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. जहां भारतीय आदिवासी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है.
यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी की अनीता नागर सिंह चौहान और कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया के बीच है. 1998 से लेकर 2015 के उपचुनाव तक इस सीट पर कांतिलाल भूरिया ने पांच बार जीत दर्ज की है. 2014 में पहली बार कांतिलाल भूरिया को दिलीप सिंह भूरिया के सामने हार का
सामना करना पड़ा था. वहीं 2019 में पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गुमान सिंह डामोर ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को 90 हजार वोटों से हराया था. हालांकि इस बार कांग्रेस कड़ी चुनौती पेश कर रही है.
इस सीट पर 5 बार चुनाव जीत चुके कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया अपना अंतिम चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इंदौर संसदीय सीट की बात यदि छोड़ दी जाए तो बाकी सीटों पर विकास का मुद्दा हावी बना हुआ है वही दोनों ही राजनीतिक दल को विश्वास है कि मतदाता उनको बहुमत से विजय दिलाएंगे।
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