
IAS अधिकारी संजीव हंस के 13 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी 60 करोड़ के शेयर और अहम दस्तावेज बरामद
पटना। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जेल में बंद बिहार के आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इस मामले में ईडी ने 13 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें 60 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर और कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
13 ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने यह कार्रवाई बिहार, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सहित विभिन्न शहरों में स्थित ठिकानों पर की। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, बड़ी मात्रा में नकदी और कीमती आभूषण भी जब्त किए हैं।
60 करोड़ के शेयर और अन्य बरामदगी
ईडी की इस कार्रवाई में 60 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर, रियल एस्टेट से जुड़े दस्तावेज और वित्तीय लेन-देन से संबंधित अहम सबूत मिले हैं। यह मामले में आरोपी के खिलाफ बड़ी कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
संजीव हंस पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर काला धन सफेद करने की कोशिश की। ईडी का दावा है कि उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और इस धन का उपयोग रियल एस्टेट और अन्य निवेशों में किया।
पहले भी हो चुकी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब संजीव हंस के खिलाफ कार्रवाई की गई हो। इससे पहले भी ईडी ने उनके और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें महंगी घड़ियां, नकदी और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए थे।
जांच जारी
ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और जल्द ही कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं। इस छापेमारी से जुड़े साक्ष्य अदालत में पेश किए जाएंगे, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को और मजबूत किया जा सके।
निष्कर्ष
आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई एक बड़े भ्रष्टाचार मामले को उजागर करती है। उनके खिलाफ मिले दस्तावेज और संपत्ति की बरामदगी ने सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि आगे की जांच में और क्या खुलासे होते हैं।
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