आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है, और इसके कारण कई लोगों को यह डर सता रहा है कि भविष्य में उनकी नौकरी जा सकती है। हाल ही में यूके शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि खासतौर पर लिपिक कार्य, वित्त, कानूनी और व्यवसाय प्रबंधन से जुड़े क्षेत्रों में AI के प्रभाव के कारण नौकरियों पर खतरा हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से प्रबंधन सलाहकारों, व्यवसाय विश्लेषकों, लेखाकारों और मनोवैज्ञानिकों जैसे पेशेवरों के अलावा शिक्षण व्यवसायों को भी AI से खतरा हो सकता है। इसके अलावा, वित्त और इंश्योरेंस क्षेत्र किसी अन्य क्षेत्र की तुलना में AI के संपर्क में सबसे ज्यादा हैं। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अन्य क्षेत्र जैसे इंफॉर्मेशन-कम्युनिकेशन, प्रोफेशनल, वैज्ञानिक, सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और एजुकेशन भी AI के प्रभाव से बच नहीं पाएंगे।
एक और रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जेनरेटिव AI का सबसे ज्यादा असर अकाउंटिंग क्षेत्र पर पड़ेगा, जहां 46 फीसदी काम एआई द्वारा स्वचालित तरीके से किए जा सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि AI ऑफिस टाइम को 46 फीसदी तक कम कर सकता है। इस रिपोर्ट के लिए 365 विभिन्न व्यवसायों और उनके संबंधित कार्यों का विश्लेषण किया गया था, ताकि यह समझा जा सके कि AI का इन क्षेत्रों पर कितना प्रभाव पड़ेगा।
शिक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि AI के प्रभाव से अधिकतर पेशेवर व्यवसाय प्रभावित होंगे, खासतौर पर लिपिक कार्य, वित्त, कानून और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़ी नौकरियां। इनमें से वित्त, कानूनी पेशेवरों और व्यवसाय से जुड़ी भूमिकाओं को सबसे अधिक खतरा बताया गया है।
यह रिपोर्ट आने के बाद कई लोगों को AI के बढ़ते प्रभाव और इसके कारण नौकरी पर पड़ने वाले संभावित असर के बारे में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
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