
CG Antagarha : अनोखा स्कूल जहां गोंडी भाषा की होती है पढ़ाई.....
अंतागढ़ : CG Antagarha : कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लॉक का आमाबेड़ा तहसील जो कभी माओवाद प्रभाव वाला इलाका माना जाता था..! और एक पिछड़ा हुआ क्षेत्र कहलाता था आज वहां तस्वीर बदल रही है दरअसल कभी नक्सल का दंश झेल रहा क्षेत्र आज जागरूकता का परिचय शिक्षा के माध्यम से दे रहा है
वही संचालित स्कूल में विभिन्न जगहों से आकर छात्र छात्रा पढ़ाई करते है और पढ़ाई के साथ साथ उन्हें आदिवासी संस्कृति के प्रति भी बताया जाता है जो कि काफी सराहनीय है बता दे यह आश्रम के रूप में संचालित है जो कि गोंडवाना गोंड महासभा के सहयोग से स्थानीय सेवा मुरी नाम के युवा
प्रभाग के द्वारा संचालित है इस विद्यालय का नाम “कोयामुरी बुम होरकुल बिदिया केतुल” है जिसका अर्थ स्वच्छ निर्मल विचारधाराओं से अपनी परंपरा संस्कृति को सहेजते हुए मातृ भाषा , राष्ट्रीय भाषा , अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का विद्यालय ”
अंतागढ़ से महज 40 km की दूरी में स्थित वह गांव जो चर्रेमर्रे की सुंदर घाटी के ऊपर बसा एक गांव जो शिक्षा के साथ साथ संस्कृति को लेकर एक नई अलख जगा रहा है दरअसल हम बात कर रहे है आमाबेड़ा तहसील अंतर्गत आने वाले गांव वेलेकनार गांव की जहां गोंडी स्कूल संचालित है
..!”वेलेकनार” का हिंदी अनुवाद होता है सेमरगांव यहां स्कूल में हिंदी अंग्रेजी के अलावा गोंडी भाषा का भी अध्ययन कराया जाता है दरअसल आधुनिकता की दौड़ और शहरी पाश्चात्य नीतियों को अपना कर जहां एक ओर कई भाषाओं और बोलियों और संस्कृतियों को आज भुला दिया गया
है वही आदिवासी समाज के इस पहल की चर्चा जोरो पर है और बच्चों को गोंडी भाषा के ज्ञान के साथ साथ सामाजिक रीतिनीतियों को भी इस जगह पर सिखाया जाता है..!! वहीं जब बच्चों से बातचित की गई तो अचंभा हुआ यह देख कर कि अंदरूनी क्षेत्र के बच्चों में इतनी चंचलता और पढ़ाई के
प्रति लगन को देख पाठन का करा रहे शिक्षक और पालकों में भी इस बात की सीधी संतुष्टि देखी जा सकती है जिससे कहा जा सकता है कि क्षेत्र की तस्वीर अब बदल रही है वहीं ग्रामीणों ने यह भी जानकारी दी कि एक दशक पहले माओवादियों के तोड़फोड़ के कारण स्कूल को बंद करना पड़ा था
फिर से 2022 से यह स्कूल फिर से खोला गया और आज की ताजा तस्वीर की बात की जाए तो बच्चों द्वारा गोंडी भाषा में एशियन न्यूज के लिए “धरती याया
जो कि एक धरती मां को लेकर गोंडी भाषा में सेवा अर्जी गीत है गाना भी गाया गया और हमारे संवाददाता मामले की पूरी जानकारी ली है आदिवासी समाज के सामाजिक पदाधिकारियों से…!!
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