Bihar chunav result 2025: बिहार में नीतीश-मोदी की जोड़ी हिट,तेजस्वी यादव की ये दुर्गति क्यों हुई, एशियन न्यूज पर सबसे आगे सबसे पहले, देखें बिहार विधानसभा चुनाव का सटीक विश्लेषण
Bihar election result 2025: पटना/प्रदीप शर्मा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वोटों की गिनती जारी है। अब तक के रुझानों में एनडीए गठबंधन प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ रहा है। वहीं महागठबंधन दावों से काफी पीछे चल रहा है। आइए बिहार चुनाव में अबतक हुई वोटों की गिनती के रूझानों का सटीक विश्लेषण…
Bihar election result 2025: नीतीश-मोदी की जोड़ी पर भरोसा कायम
बिहार चुनाव को लेकर अबतक आए रुझानों से एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के चेहरे पर बिहार की जनता का भरोसा कायम है। रुझानों में साफ तौर से दिख रहा है कि 20 साल सरकार चलाने के बाद भी नीतीश कुमार से बिहार की जनता में कोई नाराजगी नहीं है। इसी का नतीजा है कि रुझानों में नीतीश कुमार की पार्टी ना केवल जेडीयू बल्कि एनडीए के तमाम घटक दलों के प्रत्याशी बढ़त बनाए दिख रहे हैं।
Bihar election result 2025: आरजेडी का 52 यादव उम्मीदवारों को टिकट देना गलत साबित हुआ
आरजेडी की इस हार की एक प्रमुख वजह 52 यादव उम्मीदवारों को टिकट देना साबित हुआ। तेजस्वी का यह फैसला न केवल जातिवादी छवि को मजबूत कर गया, बल्कि गैर-यादव वोट बैंक को दूर भगा दिया। बिहार की राजनीति जाति पर टिकी है, जहां यादव (14% आबादी) आरजेडी का कोर वोट बैंक है, लेकिन 52 टिकट यादवों को देने से पब्लिक को यादव राज की गंध आने लगी , जिसके चलते अगड़े और अति पिछड़े महागठबंधन से दूर हो गए।
आरजेडी ने कुल 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिनमें 52 यादव थे जो कुल प्रत्याशियों का लगभग 36% था। यह संख्या 2020 के 40 से बढ़ी, जो तेजस्वी की ‘यादव एकीकरण’ रणनीति का हिस्सा थी। वहीं महागठबंधन में सीट शेयरिंग के तहत आरजेडी को 143 सीटें मिलीं थीं। तेजस्वी को अनुमान था कि आरजेडी को यादव सीटों पर अच्छी सफलता मिल जाए पर यह फैसला नुकसान कर गया।
Bihar election result 2025: आरजेडी का यादव राज बनाम जंगल राज
बीजेपी ने प्रचार में ‘आरजेडी का यादव राज’ का नैरेटिव चलाया, जो शहरी और मध्यम वर्ग में गेमचेंजर साबित हुआ। तेजस्वी ने यदि 30-35 यादव टिकटों तक सीमित रखा होता तो कुर्मी-कोइरी वोटों का हिस्सा 10-15% बढ़ सकता था।जैसा अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनावों में किया था। उन्होंने केवल 5 यादव प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। बाकी पिछड़ी जातियों और सवर्णों को वोट देकर उन्हें अपना बना लिया।
Bihar election result 2025: सहयोगी पार्टियों को भाव न देना
तेजस्वी यादव की रणनीति में सबसे बड़ी चूक अपने सहयोगियों कांग्रेस, वाम दलों और छोटी पार्टियों के साथ ‘बराबर भाव’ न रखना साबित हुआ। सीट शेयरिंग विवादों ने गठबंधन को कमजोर किया, और तेजस्वी के ‘आरजेडी’ अप्रोच ने विपक्ष को बांट दिया। यह न केवल वोट ट्रांसफर फेल कर गया, बल्कि एनडीए को ‘एकजुट’ दिखाने का मौका दिया।
Bihar election result 2025: इस चुनाव में कांग्रेस ने ‘गारंटी’ मेनिफेस्टो पर जोर दिया, लेकिन तेजस्वी ने ‘नौकरी देंगे’ को प्राथमिकता दी, जो सहयोगियों को चुभा। इतना ही नहीं तेजस्वी ने महागठबंधन के घोषणापत्र का नाम भी तेजस्वी प्रण रखकर सबको पीछे कर दिया। तेजस्वी ने प्रचार में सहयोगियों को बैकसीट पर रखा. रैलियों में राहुल गांधी की तस्वीरें कम, तेजस्वी की ज्यादा दिखीं, यहीं वजह रही कि महागठबंधन में सहयोग दलों का वोट ट्रांसफर नहीं हो पाया और इसका असर रूझानों में साफ साफ दिखा।
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