विदेश प्रवास से तीन महीने बाद लौटे कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष अजय ओझा की खंडवा वापसी के साथ ही गांधी भवन में हलचल शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक नक्शे के कारण स्थिति गरमा गई है, जिसमें गांधी भवन की तीन बाउंड्री वॉल पर प्रस्तावित दुकानों के निर्माण की योजना सामने आई है।
विवादों के मुख्य बिंदु
- गांधी भवन की पार्किंग और दुकान विस्तार का मामला:
अजय ओझा के विदेश जाने से पहले उन्होंने कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में एक भाजपाई दुकानदार को दुकान विस्तार के लिए जगह दे दी थी, जिसे बाद में उनके जाने के बाद उजागर किया गया था। इस मामले में आरोप-प्रत्यारोपों की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके अलावा, गांधी भवन में पेड पार्किंग शुरू होने से भी विवाद खड़ा हो गया था। - सोशल मीडिया पर वायरल नक्शा:
सोशल मीडिया पर वायरल हुए नक्शे में ये जानकारी दी गई है कि गांधी भवन के चारों ओर तीन बाउंड्री वॉल पर दुकानों का निर्माण प्रस्तावित है। नक्शे के साथ यह संदेश भी फैलाया गया है कि ये दुकानें विशेष रूप से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ही आवंटित की जाएंगी, जिससे पार्टी के भीतर राजनीति गर्मा गई है।
पहले चरण में हुए निर्माण कार्य
अजय ओझा ने विदेश जाने से पहले कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य कराए, जिनमें शामिल हैं:
- यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई सहित अन्य कक्षों का निर्माण
- अंदर और बाहर शौचालयों का निर्माण
विरोध और सरकार की भूमिका
- विरोधी दलों ने विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर ली है, इस नक्शे को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसमें पार्टी के हितों के लिए पक्षपात किया जा रहा है।
- नगर निगम द्वारा संपत्ति कर नोटिस:
गांधी भवन में किराये पर दी गई दुकानों के लिए कांग्रेस को नोटिस मिला है। नगर निगम ने दुकानदारों से संपत्ति कर न भरने के लिए नोटिस जारी किया है, जिसमें कुल 2.80 लाख रुपए की राशि की भरपाई लोक अदालत के माध्यम से कराने का निर्देश दिया गया है।
कांग्रेस की रणनीति और भविष्य की योजना
- कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि इन दूसरे चरण में बनने वाली दुकानों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोजगार मिलेगा, और गांधी भवन की आय में भी वृद्धि होगी।
- अजय ओझा ने कहा कि नक्शे के वायरल होने की जानकारी उन्हें नहीं है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के हित में दुकानों का निर्माण किया जाएगा।
अजय ओझा की वापसी के साथ ही गांधी भवन में इस समय राजनीतिक हलचल के संकेत हैं। उनके पार्टी के भीतर कामों और विवादों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर वायरल नक्शे ने स्थिति को जटिल कर दिया है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस इन विवादों का समाधान कैसे करती है और पार्टी में आंतरिक गतिरोधों को कैसे सुलझाती है।
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