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रायपुर। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) भारत की सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित सेवाओं में से एक है। देश के सबसे बड़े और कठिन परीक्षा के बाद IAS अधिकारी चुने जाते हैं, और एक बार नियुक्त होने के बाद उनका कार्यक्षेत्र और ट्रांसफर अक्सर चर्चा का विषय बनते हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि IAS अधिकारियों के ट्रांसफर की प्रक्रिया क्या होती है और इसे कौन तय करता है? इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि IAS अफसर का तबादला कैसे और किसके द्वारा किया जाता है।
IAS का चयन और प्रारंभिक प्रक्रिया
IAS अधिकारियों का चयन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित कठिन परीक्षा के माध्यम से किया जाता है। परीक्षा के दो चरणों के बाद, उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया जाता है। परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों को लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी, मसूरी में ट्रेनिंग दी जाती है, जहां उन्हें प्रशासनिक कार्यों, नेतृत्व क्षमता और देश की शासन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से सिखाया जाता है। इसके बाद, इन्हें विभिन्न राज्यों में नियुक्त किया जाता है और उन्हें कैडर भी सौंपा जाता है।IAS अफसर के ट्रांसफर की प्रक्रिया
IAS अफसरों का ट्रांसफर एक बेहद नियंत्रित और सुव्यवस्थित प्रक्रिया के तहत होता है, जिसमें राज्य सरकार, मुख्यमंत्री और उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।- प्रोबेशन और पहले पद की पोस्टिंग मसूरी में ट्रेनिंग के बाद, जब IAS अधिकारी अपने निर्धारित राज्य में पहुंचते हैं, तो उन्हें पहले प्रोबेशन से गुजरना पड़ता है। शुरुआत में, उन्हें असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया जाता है, जहां वे जिलों में कलेक्टर के अधीन काम करते हैं। इस दौरान, उन्हें जिलों और तहसीलों में ट्रेनिंग भी लेनी होती है।
- जिला स्तर पर कार्य और एसडीएम का पद प्रोबेशन पूरा होने के बाद, राज्य सरकार उन्हें एसडीएम (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) के पद पर नियुक्त करती है। कुछ मामलों में, कलेक्टर उन्हें सीधे एसडीएम बना सकते हैं। कभी-कभी, राज्य सरकार उन्हें एडिशनल कलेक्टर भी बना सकती है।
कौन करता है IAS अफसर का तबादला?
IAS अफसरों के तबादले के लिए कई कदम होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री की भूमिका प्रमुख होती है। इसके अलावा, मुख्य सचिव, राज्य प्रशासनिक विभाग (General Administration Department – GAD) और सिकरेट्री का भी इसमें अहम रोल होता है।- तबादला नोटशीट की प्रक्रिया IAS अधिकारी के ट्रांसफर के लिए सबसे पहले GAD (General Administration Department) से एक नोटशीट जारी होती है। यह नोटशीट मुख्य सचिव के पास भेजी जाती है, जो फिर मुख्यमंत्री के पास उसे भेजते हैं। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद, तबादला आदेश जारी किया जाता है।
- मुख्यमंत्री की सहमति वर्तमान में, IAS अफसरों के ट्रांसफर में मुख्यमंत्री सचिवालय का भी महत्वपूर्ण योगदान है। पहले मुख्यमंत्री से मौखिक सहमति ली जाती है, और फिर सचिवालय में लिस्ट तैयार की जाती है। इसमें यह तय किया जाता है कि किस अफसर को कहां पोस्ट किया जाएगा और कौन से जिले में उसका ट्रांसफर होगा।
- आदेश पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद, नोटशीट GAD में वापस पहुंचती है। इसके बाद, GAD सचिव या मुख्य सचिव तबादला आदेश पर हस्ताक्षर करते हैं। यह आदेश फिर संबंधित अधिकारी को भेजा जाता है।
कितने समय में होता है ट्रांसफर?
IAS अधिकारियों का ट्रांसफर आमतौर पर दो साल के अंतराल पर किया जाता है। हालांकि, परिस्थितियों के आधार पर इस अवधि को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। कई बार अगर कोई अधिकारी संतोषजनक कार्य नहीं करता या फिर राज्य सरकार उससे संतुष्ट नहीं होती, तो उसका तबादला छह महीने या एक साल में भी हो सकता है।अधिकारियों के ट्रांसफर का कारण
IAS अफसरों के तबादला कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे:- कर्मचारी प्रदर्शन अगर किसी अधिकारी का प्रदर्शन अच्छा नहीं होता है या सरकार के द्वारा संतुष्टि नहीं मिलती है, तो उसका तबादला किया जाता है।
- राजनीतिक कारण कई बार राजनीतिक कारणों से भी अधिकारियों का तबादला किया जाता है। विशेष रूप से, अगर किसी अधिकारी का काम किसी विवाद से जुड़ा होता है, तो उसे इधर-उधर किया जा सकता है।
- विशेष परिस्थितियाँ कभी-कभी इमरजेंसी या विशेष परिस्थितियों में अधिकारियों का तत्काल तबादला किया जा सकता है, जैसे महामारी, प्राकृतिक आपदा या कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्याएं।
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