
राज्य सूचना आयोग में न्याय का हनन और साजिश
ASIAN NEWS BHARAT – Voice of People
Latest Hindi News, Politics, Crime & Culture from Raipur, Chhattisgarh & India
राज्य सूचना आयोग में न्याय का हनन और साजिश
जनसूचना अधिकारी (उच्च शिक्षा विभाग) के.के. निगम ने 15 फरवरी 2022 को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इसके बाद उन्होंने 06 मई 2022 को प्रथम अपील और 04 अगस्त 2022 को द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग में दायर की। अपील प्रकरण क्रमांक A/3388/2022 में आयोग ने पहली सुनवाई 11 जनवरी 2023 को की, दूसरी 06 अप्रैल 2023, तीसरी 13 अप्रैल 2023 और चौथी सुनवाई 16 नवंबर 2023 को आयोजित की। इन सभी सुनवाईयों में दोनों पक्ष उपस्थित रहे।
इसके बावजूद, पूरी जानकारी प्रस्तुत न करने के कारण पांचवीं सुनवाई 20 जून 2024 को हुई, जिसमें उच्च शिक्षा विभाग का प्रतिनिधि अनुपस्थित रहा। आयोग ने इस अनुपस्थिति को अपनी वेबसाइट पर नहीं दर्शाया। छठवीं सुनवाई 19 सितंबर 2024 को हुई, लेकिन इसमें आयोग ने वेबसाइट पर प्रतिअपिलार्थी को अनुपस्थित दिखाया।
साजिश और अनुचित प्रक्रिया का आरोप
अब तक की सुनवाई में न्याय प्रक्रिया के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अपीलार्थी निगम ने गंभीर सवाल उठाए हैं। आयोग की वेबसाइट पर 08 जनवरी 2025 (जो कि अभी तक आई नहीं है) को अपीलार्थी को अनुपस्थित दिखाना, एक काल्पनिक और मिथ्या विवरण का प्रमाण है।
निगम, जो 71 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक हैं, ने अपने पत्र (दिनांक 18 जून 2024) में कहा कि प्रतिपक्ष को बार-बार निर्दोष साबित करने का अवसर दिया जा रहा है, जबकि इसी प्रकृति के प्रकरण क्रमांक A/1036/2019 में (कोरोना अवधि के दौरान) बिना सुनवाई के ही 25,000 रुपये का दंड जनसूचना अधिकारी पर लगाया गया था। यह सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की भावना के विपरीत है।
वांछित सूचना का विलंब और न्याय की मांग
निगम ने यह भी बताया कि अत्यधिक विलंब के कारण अब मांगी गई सूचना निरर्थक हो गई है। उन्होंने आयोग से प्रतिपक्ष को दंडित करने की मांग की है। आयोग ने अगली पेशी के लिए 08 अप्रैल 2026 की तारीख तय की है, जब निगम की उम्र 72 वर्ष से अधिक हो जाएगी। यह स्थिति न्याय की भावना के अनुरूप नहीं है। निगम ने अपील की है कि इस मामले में शीघ्र और उचित न्याय सुनिश्चित किया जाए।
Subscribe to get the latest posts sent to your email.