रायपुर। नैक के नेक काम अनेक : झारखंड के रामचन्द्र चन्द्रवंशी विवि के कुलपति समरेन्द्र नाथ साहा महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग देने के बदले रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने दबोचा है । वे ही नैक की निरीक्षण समिति के अध्यक्ष हैं। उनकी नेक जब CBI के शिकंजे में फंसी तो तमाम लोग अपनी -अपनी नेक बचने के चक्कर में हैं। कुलपति समरेन्द्र नाथ साहा की मॉनिटरिंग में ही यह निर्धारित किया जाता था कि किसी महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय में नैक ग्रेडिंग के लिए जाने वाली टीम में कौन-कौन से सदस्य शामिल रहेंगे ? उनके अध्यक्ष रहने की अवधि में बीते दो वर्षों में रायपुर जिले के लगभग एक दर्जन महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग दी गई। इनमें से कई महाविद्यालयों को तो बेहतर ग्रेड की उम्मीद थी, लेकिन उनके हाथ निराशा लगी। वहीं कई महाविद्यालय ऐसे भी थे, जिन्हें वहां की यथास्थिति से कई बेहतर अंक मिले।
नैक के नेक काम अनेक : भ्रष्टाचार करने वालों का ऐसा सत्कार
नैक ग्रेडिंग में भ्रष्टाचार और रिश्वत का मामला सामने आने के बाद अब महाविद्यालय प्रबंधनों की ओर से पूरी व्यवस्था पर बात की जा रही है। जिले के जिन एक दर्जन से ज्यादा महाविद्यालयों को पिछले दो वर्षों में ग्रेडिंग मिली है, उनमें से कुछ ने यह एक्सेप्ट किया है कि उन्होंने नैक टीम को किसी न किसी रूप में उपकृत किया गया है। इसमें आईफोन, सोने के सिक्के, चिकन-दारू पार्टी से लेकर कई तरह की चीजें शामिल हैं।
पहला केस-
17 जनवरी 2025 को रायपुर के एक निजी विवि को नैक टीम ने ए प्लस ग्रेड प्रदान किया। यह विवि किराए के भवन में संचालित है। इसका खुद का कैंपस रायपुर के आउटर में है। नैक की टीम ने 2023 में रविवि को बी डबल प्लस ग्रेड दिया था, जबकि विवि दशकों पुराना है और उक्त निजी विवि की तुलना में बेहतर सुविधाएं और एक्सपर्ट फैकल्टी हैं।
दूसरा केस-
2024 में दिसंबर माह में बैरनबाजार इलाके के एक ऑटोनॉमस कॉलेज में नैक टीम आई। मनोवांछित सुविधाएं नहीं मिल पाने के कारण यहां के प्राध्यापकों को इंग्लिश नहीं जानने को लेकर नाराजगी जाहिर की गई। जबकि नैक ग्रेडिंग निर्धारण में भाषायी बाध्यता की कोई भूमिका नहीं होती है। बी डबल प्लस की कोशिश में जुटे इस कॉलेज को बी प्लस ही मिल सका।
तीसरा केस-
धरसींवा के एक शासकीय महाविद्यालय में 2024 में आई नैक ग्रेडिंग टीम ने बी प्लस ग्रेड प्रदान किया। बजट के अनुसार सभी सदस्यों को तोहफे प्रदान किए गए। ठहरने और खाने-पीने की रिहायशी व्यवस्था भी की गई।
चौथा केस-
आरंग स्थित एक शासकीय महाविद्यालय में 2024 में नैक ग्रेडिंग टीम आई। शासकीय महाविद्यालय होने के कारण वे अतिरिक्त कुछ दे नहीं सके। फिर भी दक्षिण भारत के विश्वविद्यालयों से नैक ग्रेडिंग टीम सदस्यों को डिमांड पर विदेशी शराब और चिकन मुहैया कराई गई। कॉलेज को लगातार दूसरी बार सी ग्रेड मिला।
पांचवां केस-
2024 में रायपुर में कालीबाड़ी स्थित एक अन्य महाविद्यालय में नैक ग्रेडिंग टीम आई, जिसने महाविद्यालय को बी ग्रेड प्रदान किया। महाविद्यालय नाममात्र के अंतर से बी प्लस ग्रेड प्राप्त करने से चूका। पब्लिक यूनाइटेड कॉलेज होने के कारण वे नैक टीम को अधिक महंगे उपहार प्रदान नहीं कर सके थे। बजट के अनुसार, छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कलाकृति आधारित आर्ट और सूट का कपड़ा प्रदान किया गया था।
छठां केस-
कचना के एक निजी महाविद्यालय को 2023 में हुई ग्रेडिंग में बी प्लस ग्रेड दिया गया। महाविद्यालय प्रबंधन से जुड़े अंदरुनी सूत्र के अनुसार, नैक टीम को सोने का सिक्का और कैश | राशि दी गई।
सातवाँ केस-
कालीबाड़ी स्थिति एक निजी महाविद्यालय में 2023 में ग्रेडिंग हुई। बजट कम होने के कारण विशेष व्यवस्था नहीं हो सके। कॉलेज प्रबंधन के पहचान के एक केंद्रीय मंत्री को फोन करवाया गया, तब जाकर बी प्लस ग्रेड हासिल हो सका।
आठवां केस-
समता कॉलोनी स्थित एक निजी महाविद्यालय को 2023 में हुई ग्रेडिंग में बी प्लस मिला। नैक ग्रेडिंग टीम को आईफोन उनकी डिमांड पर प्रदान किए गए थे।
बारातियों सा सत्कार
प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के सचिव डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि, नैक टीम का बारातियों की तरह स्वागत- सत्कार करना पड़ता था। किसी बात पर नाराज न हो जाएं, इसका खास तौर पर ध्यान रखते थे । नैक टीम के सदस्य प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से अपनी मांग रखते थे ।
सभी करते हैं उपकृत
प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के संयोजक राजीव गुप्ता ने बताया कि, यह कोई नहीं बात नहीं है। सभी नैक टीम को अपने स्तर पर उपकृत करते हैं। रिश्वत का मामला सामने आ गया, तब इस पर बात हो रही है, लेकिन यह व्यवस्था दशकों से है।
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