![IPS G.P. Singh की बहाली का रास्ता हुआ साफ, गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश](https://i0.wp.com/asiannewsbharat.com/wp-content/uploads/2024/12/IPS-G.P.-Singh-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%86-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AB-%E0%A4%97%E0%A5%83%E0%A4%B9-%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%AF-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%86%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6.png?fit=800%2C450&ssl=1)
रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित आईपीएस अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह (G.P. Singh) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए उन्हें पुनः सेवा में बहाल करने का निर्णय लिया है। यह आदेश केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) द्वारा उनके खिलाफ 2023 में जारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द करने के बाद आया है। गृह मंत्रालय ने अपने पिछले आदेश को खारिज करते हुए जीपी सिंह को उसी दिनांक से बहाल कर दिया है, जब उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी, यानी 20 जुलाई 2023 से।
IPS G.P. Singh का निलंबन और अदालतों में संघर्ष
गौरतलब है कि आईपीएस जीपी सिंह, जो 1994 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के अधिकारी हैं, को जुलाई 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। इस फैसले को सिंह ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी। CAT ने 10 अप्रैल 2024 को इस आदेश को रद्द करते हुए उन्हें सेवा में बहाल करने का आदेश दिया था। इसके बाद, गृह मंत्रालय ने इस आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, लेकिन 23 अगस्त 2024 को उच्च न्यायालय ने मंत्रालय की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद, गृह मंत्रालय ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां 10 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने मंत्रालय की याचिका को भी खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए आईपीएस अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सीएटी और उच्च न्यायालय का फैसला इस आधार पर था कि यह अधिकारी को प्रताड़ित करने का मामला था। इस निर्णय के बाद, गृह मंत्रालय ने अब आईपीएस जीपी सिंह को बहाल करने का आदेश जारी किया है, जिससे वह अपनी सेवाएं पुनः शुरू कर सकेंगे और उन्हें उनके सभी अधिकार और लाभ मिलेंगे।
भ्रष्टाचार और राजद्रोह के आरोप
आईपीएस जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, जबरन वसूली और देशद्रोह के आरोप लगाए गए थे। जुलाई 2021 में एसीबी ने उनके सरकारी बंगले और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां से 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए थे। इसके बाद, भूपेश बघेल सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। 2022 में उन्हें नोएडा से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2022 के अंत में उन्हें जमानत मिल गई थी।
कैट और सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई
जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और देशद्रोह के आरोपों के बावजूद, उनका कहना था कि उन्हें राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया गया। उन्होंने अपनी सेवा में बहाली के लिए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) का दरवाजा खटखटाया था। CAT ने उनकी सेवा में बहाली का आदेश दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से उनकी बहाली की अनुशंसा की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जहां से भी उन्हें राहत मिली। इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का प्रयास किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को मंत्रालय की याचिका को खारिज कर दिया।
जीपी सिंह की बहाली
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब गृह मंत्रालय ने आईपीएस जीपी सिंह को उनकी पदस्थापना पर बहाल करने का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि इस आदेश के अनुसार उचित कार्रवाई की जाए। जीपी सिंह को उनके अधिकारों और लाभों की प्राप्ति होगी, और वह फिर से अपनी सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।
क्या था आरोप?
2021 में जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, जबरन वसूली और राजद्रोह का आरोप लगा था। छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें कहा गया था कि वह सरकार गिराने की साजिश में शामिल थे। इसके बाद 2023 में केंद्र सरकार ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। हालांकि, कैट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद उन्हें फिर से सेवा में बहाल किया गया है।
Timeline:
- जुलाई 2021: एसीबी ने जीपी सिंह के सरकारी बंगले और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की, 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति बरामद की।
- सितंबर 2021: जीपी सिंह पर भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और राजद्रोह के आरोप लगाए गए।
- 11 जनवरी 2022: जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत मिली।
- जुलाई 2023: केंद्र सरकार ने जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया।
- 10 अप्रैल 2024: केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने जीपी सिंह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द किया और उन्हें बहाल करने का आदेश दिया।
- 23 अगस्त 2024: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की याचिका को खारिज किया।
- 10 दिसंबर 2024: सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय की याचिका खारिज की, और आईपीएस जीपी सिंह को बहाल करने का आदेश दिया।
- 12 दिसंबर 2024: गृह मंत्रालय ने जीपी सिंह को पुनः सेवा में बहाल करने का आदेश जारी किया।
आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह की बहाली का मामला छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच लंबी कानूनी लड़ाई का परिणाम है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उनके पक्ष में एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे उनके समर्थकों और अधिकारियों में उम्मीद की एक नई लहर पैदा हो गई है। अब वह अपनी सेवाओं में वापसी कर सकते हैं और आगे के कार्यों में शामिल हो सकते हैं। यह मामला एक उदाहरण बन गया है कि कैसे किसी अधिकारी को उसके अधिकारों और न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ता है, चाहे वह कितना भी बड़ा मुकदमा क्यों न हो।
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