राकेश यादव
Sagar Madhya Pradesh news : सागर : 2014 के बाद से लगातार मीडिया और सोशल मीडिया में एक शब्द काफी ट्रेड करता था। डबल इंजन की सरकार इस डबल इंजन की सरकार के शब्दों ने देश के सभी राज्यों में और सभी संसदीय क्षेत्र में, क्या कुछ विकास कार्य किये है?
Sagar Madhya Pradesh news : उनमें से एक संसदीय क्षेत्र दमोह में भी डबल इंजन की सरकार बनने और विकास की गंगा बहाने के नाम पर जीभर के वोट बटोरे गए। क्या इस बार कुछ हिसाब होगा या फिर हर बार की तरह इस बार भी लोगों की आखों में चुनावी जुमलों की मिर्ची मार कर उन्हे गुमराह कर के वोट ऐंठ लिए जायेंगे।
Sagar Madhya Pradesh news : इसलिए आज हम आपके बीच एक अनोखी जानकारी लेकर आए हैं।जिसमे वर्ष 2018 में दमोह विधानसभा क्षेत्र का कांग्रेस पार्टी की ओर से मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल सिंह लोधी अक्सर विधानसभा में उसे समय के तत्कालीन सांसद और
भारत सरकार में केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के चुनावी वादे को अक्सर विधानसभा में इस मुद्दे को जोर-जोर से उठाया करते थे लेकिन राजनीति में वक्त और पार्टी बदलते देर नहीं लगती, आज कुछ ही वर्षों में राहुल सिंह लोधी ने पाला बदल लिया और वे कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हो गए
इस बार भारतीय जनता पार्टी में उन्हें दमोह लोकसभा से अपना प्रत्याशी बनाया है यह वही लोकसभा क्षेत्र है जिसकी नर्मदा सोनार लिंक परियोजना की मुंहबोली गाथा राहुल लोधी विधानसभा में गाते थे जिसका आजतक धरातल पर कोई अता पता ही नही है।
पूर्व में भी दो बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी लगातार दोनों ही बार चुनावी वादों में नर्मदा सुनार परियोजना पर वोट बटोरने में कामयाब हुए अपने आपको नर्मदापुत्र बताने वाले प्रहलाद सिंह पटेल ने महज चुनावी वादा ही रहने दिया।उस समय की डबल नहीं बल्कि चार-चार इंजनों की सरकार इस छोटे से प्रोजेक्ट को धरातल पर उतरने में नाकाम रही।
अब जब चुनाव नजदीक है। संसदीय क्षेत्र में राहुल लोधी लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं संसदीय क्षेत्र की सभी विधानसभाओं में सभाएं कर रहे हैं इस बीच जब एक पत्रकार द्वारा नर्मदा सोनार लिंक परियोजना पर उनसे प्रश्न पूछा गया तो उनके द्वारा इस पर कोई साफ और विश्वसनीय तर्क नहीं दिया गया।और वे इस मुद्दे से किनारा सा करते देखे गए।
खैर इस बार भाजपा के चुनावी मुद्दे स्थानीय नहीं है बल्कि राम मंदिर और सनातन धर्म के नाम पर ही भाजपा लगातार चुनाव लड़ रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर सांसद अपना चुनाव जीतने की फिराक में हैं इन सब के बीच जनता के मुद्दे क्या है और क्या उन मुद्दों को सांसद सही जगह देने में सफल हो पाएंगे। इस बात का नजारा गुजरते वक्त के साथ आप सभी की आंखों के सामने होगा।
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