नई दिल्ली, 12 दिसंबर 2024: श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि जनवरी 2025 से एटीएम के जरिए पीएफ राशि निकालने की सुविधा शुरू की जाएगी। यह पहल पीएफ निकासी प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के साथ ही मानवीय हस्तक्षेप को कम करेगी। इस कदम से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सेवाएं बैंकिंग मानकों के करीब पहुंचेंगी।
EPFO का IT सिस्टम होगा 2.1 संस्करण पर अपग्रेड
श्रम सचिव सुमित्रा दौरा ने इस विकास की जानकारी देते हुए बताया:
“हम EPFO की आईटी संरचना को बैंकिंग प्रणाली के स्तर तक लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। नए आईटी 2.1 संस्करण से प्रक्रिया तेज और सरल होगी, जिससे एटीएम के जरिए पीएफ निकासी संभव हो सकेगी।”
इस अपग्रेड के मुख्य उद्देश्य हैं:
- तेज और स्वचालित निकासी प्रक्रिया: दावा निपटान (क्लेम सेटलमेंट) को तेज और सटीक बनाया जाएगा।
- मानवीय हस्तक्षेप में कमी: प्रक्रिया में न्यूनतम हस्तक्षेप से त्रुटियां कम होंगी।
- सुविधाजनक और पारदर्शी सेवा: उपयोगकर्ता बिना किसी परेशानी के अपनी राशि निकाल सकेंगे।
कैसे काम करेगा एटीएम से पीएफ निकासी का सिस्टम?
श्रम मंत्रालय की योजना के अनुसार, प्रत्येक पीएफ सदस्य को एक डेडिकेटेड पीएफ निकासी कार्ड जारी किया जाएगा, जो बैंक एटीएम कार्ड की तरह काम करेगा। इस कार्ड के जरिए पीएफ खाताधारक किसी भी एटीएम से अपनी राशि निकाल सकेंगे।
लेकिन निकासी पर कुछ सीमाएं होंगी:
- खाताधारक अपने कुल पीएफ बैलेंस का 50% ही निकाल सकेंगे।
- यह सुविधा केवल आपातकालीन या विशेष परिस्थितियों के लिए बनाई गई है।
एटीएम निकासी से क्या फायदे होंगे?
- आसान पहुंच: EPFO कार्यालय जाने या लंबी ऑनलाइन प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होगी।
- 24/7 उपलब्धता: एटीएम सेवा हर समय उपलब्ध होगी, यहां तक कि छुट्टियों और सप्ताहांत में भी।
- तेज निकासी प्रक्रिया: तत्काल जरूरतों के लिए फंड तुरंत उपलब्ध होगा।
- उपयोग में सरलता: नया सिस्टम तकनीकी रूप से मजबूत और उपयोगकर्ता-अनुकूल होगा।
- आपातकालीन फंड: मेडिकल इमरजेंसी या अनियोजित खर्चों के लिए वित्तीय लचीलापन बढ़ेगा।
वर्तमान में पीएफ निकासी के नियम क्या हैं?
वर्तमान नियमों के अनुसार, कर्मचारी अपने पीएफ फंड को पूरी तरह से नौकरी करते समय नहीं निकाल सकते। आंशिक निकासी के लिए निम्नलिखित परिस्थितियां मान्य हैं:
- घर खरीदने या बनाने के लिए: 5 साल की सेवा पूरी होने के बाद कुल पीएफ राशि का 90% निकाला जा सकता है।
- चिकित्सा आपात स्थिति में: 6 महीने की मूल वेतन और महंगाई भत्ता या कर्मचारी का शेयर (ब्याज सहित), जो भी कम हो, निकाला जा सकता है।
- शादी या शिक्षा के लिए: 7 साल की सेवा के बाद कर्मचारी के शेयर का 50% निकाला जा सकता है।
- सेवानिवृत्ति के लिए: 54 वर्ष की उम्र के बाद, सेवानिवृत्ति से 1 साल पहले 90% निकासी की अनुमति है।
- बेरोजगारी के दौरान:
- 1 महीने की बेरोजगारी के बाद, कुल बैलेंस का 75% निकाला जा सकता है।
- 2 महीने की बेरोजगारी के बाद, पूरी राशि निकाली जा सकती है।
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए नई योजनाएं
श्रम मंत्रालय केवल पीएफ सेवाओं को सुधारने तक सीमित नहीं है, बल्कि गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स (फ्रीलांस, डिलीवरी एजेंट्स, और अन्य अनौपचारिक श्रमिक) को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की योजना पर भी काम कर रहा है।
सामाजिक सुरक्षा कोड, 2020 के तहत, इन वर्कर्स को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:
- चिकित्सा कवरेज
- भविष्य निधि
- विकलांगता सहायता
सुमित्रा दौरा ने बताया कि इस दिशा में प्रयास अंतिम चरण में हैं, हालांकि, इसे लागू करने की कोई सटीक समय सीमा अभी तक तय नहीं की गई है।
इस पहल का व्यापक प्रभाव
यह कदम न केवल EPFO सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में है, बल्कि इसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना भी है।
- सेवा की गुणवत्ता में सुधार: स्वचालन और अपग्रेड के साथ, सेवाएं तेज और त्रुटि-मुक्त होंगी।
- शामिलता में वृद्धि: गिग वर्कर्स और अनौपचारिक श्रमिकों को जोड़कर सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का विस्तार होगा।
- आसान निकासी प्रणाली: उपयोगकर्ता अपनी पीएफ राशि तक आसानी से पहुंच पाएंगे।
- बेहतर श्रम बाजार: श्रम मंत्रालय ने बेरोजगारी दर 3% तक घटने का दावा किया है, जो श्रम बाजार में सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
समाप्ति
जनवरी 2025 से एटीएम के जरिए पीएफ निकासी की सुविधा श्रमिकों के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगी। यह सुविधा न केवल उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी, बल्कि समय की बचत और परेशानी से भी राहत देगी। साथ ही, गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की पहल श्रम मंत्रालय की समावेशी नीतियों का प्रमाण है।
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