
OTT Platform : IT मंत्रालय में बैठक, OTT की अश्लीलता पर लगेगी लगाम, मंत्री वैष्णव ने कहा - बनेगा नया कानून
OTT Platform : नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने ओटीटी प्लेटफॉर्म उल्लू ऐप को अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के लिए समन जारी किया है। आयोग ने ऐप के सीईओ विभु अग्रवाल और संचालक एजाज खान को 9 मई 2025 को पेश होने का आदेश दिया है। इस बीच, केंद्र सरकार सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती अश्लीलता को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानून लाने की तैयारी में है। सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 7 मई 2025 को सुबह 11 बजे एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।
OTT Platform : संसद में उठा अश्लीलता का मुद्दा
ठाणे से शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील और हिंसक सामग्री के प्रसार को लेकर संसद में नियम 377 के तहत आवाज उठाई। उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र सौंपकर इस संबंध में कठोर कार्रवाई की मांग की। सांसद म्हस्के ने अपने पत्र में लिखा, “डिजिटल युग में सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने सूचना और संचार में क्रांति ला दी है, लेकिन कुछ लोग इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर अश्लीलता और हिंसा फैला रहे हैं। यह भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के लिए शर्मनाक है।”
उन्होंने विशेष रूप से उल्लू ऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री, आपत्तिजनक भाषा, और सामाजिक रूप से विघटनकारी व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए सेंसरशिप नीति और सख्त नियम लागू करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए नए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है।
OTT Platform : उल्लू ऐप के शो ‘हाउस अरेस्ट’ पर विवाद
उल्लू ऐप पर प्रसारित रियलिटी शो ‘हाउस अरेस्ट’ विवादों के घेरे में है। शो में एजाज खान और अन्य मॉडल-एक्टर्स द्वारा अश्लील सामग्री और व्यवहार प्रदर्शित करने का आरोप है। शो के कुछ एपिसोड्स सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसे प्रतिबंधित करने और कठोर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा, “ऐसी सामग्री महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाती है और उनके उत्पीड़न को बढ़ावा देती है। यदि सामग्री अश्लील पाई जाती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
OTT Platform : राजनेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे को उठाते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से तत्काल कार्रवाई की मांग की। शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने कहा, “अश्लीलता फैलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।” बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसी सामग्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महाराष्ट्र महिला आयोग ने भी राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और वेब शो पर अश्लील सामग्री को नियंत्रित करने की मांग की। बीजेपी विधायक चित्रा वाघ ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अश्लीलता को बढ़ावा देना बंद होना चाहिए। यह सामग्री छोटे बच्चों तक आसानी से पहुंच रही है, जो हमारी संस्कृति और समाज के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है। यह हमारी भावी पीढ़ी को भटका सकती है।”
OTT Platform : सरकार की सख्ती की तैयारी
केंद्र सरकार ने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री को नियंत्रित करने के लिए नए नियम और सेंसरशिप नीतियां तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। IT मंत्रालय की आगामी बैठक में इन मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि नए कानूनों में अश्लील सामग्री पर सख्त प्रतिबंध, सेंसरशिप बोर्ड की स्थापना, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय करने जैसे प्रावधान शामिल हो सकते हैं।
उल्लू ऐप पर अश्लील सामग्री के आरोप और राष्ट्रीय महिला आयोग के समन ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सांसदों, महिला आयोग, और राजनेताओं की सक्रियता से यह स्पष्ट है कि समाज में अश्लीलता और हिंसक सामग्री को लेकर गहरी चिंता है। केंद्र सरकार के आगामी कानून और सख्त नीतियां इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती हैं, जो भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों की रक्षा के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेंगी।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.