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MP News : कब मिलेगी शिक्षा................
बुरहानपुर : MP News : बुरहानपुर जिले का एक ऐसा गाँव जो ग्राम पंचायत रायगांव का एक बड़ा हिस्सा है, शंकरपुरा यानी शंकर नगर इस शंकर नगर में नौनिहालों के पढ़ने के लिए ना तो आंगनबाड़ी है और ना ही कोई स्कूल, यहां की आबादी लगभग 800 है जिसमें से 400 बच्चे ही बच्चे ही है, यहां आजादी के 78 साल बाद भी इंतजार है बच्चों को शिक्षा का।
MP News : बुरहानपुर जिले का ग्राम पंचायत राय गांव का एक गाँव शंकर नगर, जहां करीब 80 से 100 घर है लेकिन आबादी करीब 800 की जिसमें 400 तो केवल बच्चे ही है यहां किसी घर में पांच तो किसी घर में 8 बच्चे तक है बावजूद यहां ना तो कोई आंगनबाड़ी है
और ना ही कोई स्कूल ,यहां बच्चे पढ़ना चाहते हैं किंतु रायगांव दूर होने के कारण बच्चे सड़क पर एक्सीडेंट के डर से नहीं पहुंचते और अशिक्षा को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया, दिनभर गांव में घूमने और मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं
कई बच्चे तो पढ़ना भी चाहते हैं किंतु जिला प्रशासन के अनदेखी के चलते नहीं पढ़ पा रहे हैं, सरकार इन नोनीहेलो के लिए करोडो – अरबो रुपए खर्च कर रही ताकि कस्बे -कस्बे में स्कूल खुले ,आंगनबाड़ी खुले और देश का हर बच्चा शिक्षावान बने अच्छा नागरिक बने, जब हमारी टीम शंकर नगर पहुंची तो वहां बच्चे ही बच्चे नजर आए, यहां के पालकों और बच्चों से चर्चा की हमारे संवाददाता गोपाल देवकर ने..
वाक थ्रू गोपाल देवकर with पालक ,और बच्चे
वही जब हमारे टीम शाहपुर क्षेत्र के बोरगांव पहुंची तो यहां स्कूल तो था किंतु स्कूल पर लटका रहता है ताला यहां कभी स्कूल खुलता है तो कभी ताला ही रहता है यदि स्कूल खोल भी दे तो यहां नहीं पहुंचते बच्चे शिक्षिकाए ,यहां जब हमारी टीम पहुंची तो कुछ मौजूद बच्चों से भी चर्चा की तभी तभी प्रधान मंगला महाजन ने कहा कि 22 बच्चे दर्ज है
किंतु 15 बच्चे ही आते हैं जबकि यहां कोई बच्चे मौजूद नहीं थे जब पास ही के बच्चों से चर्चा की तो उन्होंने कहा क्योंकि यहां 12बजे आते हैं और 2:00 बजे बंद कर देते हैं शाला ,इसलिए हम लोग पढ़ने नहीं यहां नही आते हैं वही प्रधान पाठिका ने कहा मेरे पास हॉस्टल का प्रभार है शाहपुर में।
बुरहानपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा सामने आई है। जहां बच्चों के हाथों में कॉपी-किताब और पेन होना चाहिए, वहां उन्हें झाड़ू पकड़ा दी गई है। इस स्थिति पर सवाल उठता है कि ऐसे में नौनिहाल कैसे आगे बढ़ेंगे और शिक्षा में कैसे प्रगति करेंगे? मामला बुरहानपुर के भावसा ग्राम स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है।
बुरहानपुर जिले के भावसा ग्राम के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा का हाल बेहद चिंताजनक है। हमारी टीम जब स्कूल पहुंची, तो वहां का नजारा बेहद चौंकाने वाला था। कक्षाओं में शिक्षक नदारद थे, जबकि स्कूल का समय सुबह 11:30 का हो चुका था।
बच्चे क्लासरूम में पढ़ाई के बजाय झाड़ू लगाते और कचरा बीनते नजर आए। कुछ बच्चे जूते-चप्पल उठाते हुए भी दिखे,यह हाल उस जगह का है, जहां माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा की उम्मीद के साथ भेजते हैं। लेकिन, यहां बच्चों के हाथों में कॉपी-किताब की जगह झाड़ू थमाई जा रही है। यह स्थिति शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। आखिर कब तक ये बच्चे इस तरह शोषण का शिकार होते रहेंगे? इस लापरवाही से नौनिहालों का भविष्य और देश की प्रगति दोनों खतरे में हैं।
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