मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे देश में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य उपासना, गंगा स्नान और खिचड़ी का विशेष महत्व है। आइए, जानते हैं इस पावन पर्व से जुड़ी परंपराएं, पूजा विधि, और इसका ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व।
मकर संक्रांति 2025 का शुभ मुहूर्त
- सूर्य उपासना का समय: सुबह 7:15 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
- स्नान और दान का मुहूर्त: प्रातः 5:27 बजे से पूरे दिन
मकर संक्रांति की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है।
- सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें।
- तिल, गुड़, और खिचड़ी का दान करें।
- सूर्य मंत्रों का जाप करें।
- भगवान विष्णु और सूर्यदेव की विशेष पूजा करें।
खिचड़ी मकर संक्रांति के त्योहार का प्रमुख व्यंजन है। इसके पीछे ऐतिहासिक कथा जुड़ी हुई है।
- जब भारत पर खिलजी का आक्रमण हुआ था, तब गुरु गोरखनाथ ने अपने योगियों को ऊर्जा और ताकत देने के लिए दाल, चावल और सब्जियों को मिलाकर एक नया पकवान बनाया।
- इसे खिचड़ी का नाम दिया गया और मकर संक्रांति पर इसे पकाने की परंपरा की शुरुआत हुई।
- आज भी खिचड़ी को शुभ मानते हुए इस दिन इसका सेवन किया जाता है।
मकर संक्रांति पर सूर्य उपासना का महत्व
वेदों और पुराणों में सूर्य उपासना को विशेष महत्व दिया गया है।
- सूर्यदेव ऊर्जा, प्रकाश, और जीवन के स्रोत हैं।
- इस दिन सूर्य की उपासना से रोग, शोक और दरिद्रता का नाश होता है।
- सूर्य मंत्रों का जाप जैसे:
- ॐ ह्रीं सूर्याय नमः
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्त्पते। अनुकंपय मां भक्त्या, गृहाणार्घ्य नमोस्तुते।।
उपासना के दौरान किए जाने चाहिए।
मकर संक्रांति 2025 पर शुभ योग
इस वर्ष मकर संक्रांति पर कई दुर्लभ शुभ योग बन रहे हैं:
- पुष्य नक्षत्र: जो शनि का नक्षत्र है और विशेष फलदायी माना जाता है।
- विष्कुंभ और प्रीति योग: जो शुभता और उन्नति के प्रतीक हैं।
इन योगों में गंगा स्नान, दान और पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ 2025 का पहला स्नान
- पौष पूर्णिमा से महाकुंभ की शुरुआत: आज लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे हैं।
- मकर संक्रांति का पहला अमृत स्नान: इस बार का महाकुंभ 144 वर्षों बाद आयोजित हो रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है।
मकर संक्रांति पर न खाएं ये चीजें
इस दिन तामसिक और अशुद्ध भोजन से बचना चाहिए।
- शराब, सिगरेट, प्याज-लहसुन, और मांसाहार का सेवन वर्जित है।
- केवल तिल, गुड़, और खिचड़ी जैसे शुद्ध और सत्त्विक भोजन करें।
मकर संक्रांति 2025 का यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। सूर्य उपासना, स्नान-दान, और खिचड़ी जैसी परंपराएं इसे और भी खास बनाती हैं। इस पवित्र अवसर पर आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!