
मुंबई: मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (JPL) ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है, जिसके तहत भारत में स्टारलिंक की हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू की जाएंगी। इस साझेदारी से देश के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों सहित हर कोने में उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। यह कदम उन इलाकों को जोड़ने में मददगार साबित होगा, जहां पारंपरिक इंटरनेट सेवाएं पहुंचाना चुनौतीपूर्ण रहा है। इससे पहले मंगलवार को भारती एयरटेल ने भी स्पेसएक्स के साथ इसी तरह का एक समझौता किया था।
स्टारलिंक: वैश्विक स्तर पर हाई-स्पीड इंटरनेट का वाहक
इस समझौते के बाद जियो और स्पेसएक्स मिलकर भारत में व्यवसायों, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य केंद्रों और दूरदराज के समुदायों को स्टारलिंक की सेवाएं प्रदान करेंगे। जियो अपने मौजूदा नेटवर्क ढांचे में स्टारलिंक की तकनीक को शामिल करने की संभावनाएं तलाशेगा। स्टारलिंक वर्तमान में पृथ्वी की निचली कक्षा में 7,000 से अधिक सैटेलाइट्स के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क संचालित करता है। यह तकनीक स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग और वीडियो कॉलिंग जैसे कार्यों को आसान बनाती है।
जियो के 46 करोड़ से अधिक ग्राहक होंगे लाभान्वित
रिलायंस जियो भारत का सबसे बड़ा दूरसंचार ऑपरेटर है, जिसके पास 46 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। पिछले पांच वर्षों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने टेलिकॉम, इंटरनेट और डिजिटल व्यवसायों में 26,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस साझेदारी के तहत जियो के ग्राहक जियो स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से स्टारलिंक के समाधान प्राप्त कर सकेंगे। दूसरी ओर, स्पेसएक्स का स्टारलिंक दुनिया भर के दूरदराज क्षेत्रों को तेज इंटरनेट से जोड़ने में अग्रणी है।
भारत में इंटरनेट पहुंच को आसान बनाने की पहल
जियो ने कहा कि स्पेसएक्स के साथ यह करार भारत में विश्वसनीय इंटरनेट को सभी उद्यमों, छोटे-मध्यम व्यवसायों और समुदायों तक पहुंचाने में मदद करेगा। स्टारलिंक की तकनीक जियोएयरफाइबर और जियोफाइबर सेवाओं को पूरक बनाते हुए सबसे कठिन इलाकों में किफायती और तेज इंटरनेट का विस्तार करेगी। दोनों कंपनियां भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में सहयोग के अन्य अवसरों की भी खोज करेंगी।
कनेक्टिविटी में क्रांति लाने का वादा
रिलायंस जियो के ग्रुप सीईओ मैथ्यू ओमन ने कहा, “हर भारतीय के लिए किफायती और तेज ब्रॉडबैंड सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। स्पेसएक्स के साथ यह सहयोग हमारी इस प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। यह निर्बाध कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ा कदम है।” उन्होंने आगे कहा, “स्टारलिंक को जियो के ब्रॉडबैंड पारिस्थितिकी तंत्र में शामिल करके हम अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं और इस एआई-संचालित युग में समुदायों व व्यवसायों को सशक्त बना रहे हैं।”
स्पेसएक्स की उत्सुकता
स्पेसएक्स की प्रेसिडेंट और मुख्य परिचालन अधिकारी ग्वेने शॉटवेल ने कहा, “हम भारत में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जियो की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं। स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए जियो के साथ काम करने को लेकर हम उत्साहित हैं।”
एलन मस्क का भारत में सपना साकार
एलन मस्क लंबे समय से भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवा शुरू करना चाहते थे। जियो और एयरटेल के साथ साझेदारी के बाद उनका यह सपना सच होता दिख रहा है। रिलायंस जियो ने इस करार की जानकारी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X पर साझा की। यह साझेदारी भारत के डिजिटल परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
स्टारलिंक कैसे काम करता है?
स्टारलिंक सैटेलाइट्स पृथ्वी से लगभग 300 मील की ऊंचाई पर स्थित हैं, जो पारंपरिक सैटेलाइट्स (22,000 मील) की तुलना में काफी करीब है। इस वजह से इंटरनेट की गति तेज और लेटेंसी कम होती है। सिग्नल सैटेलाइट से ग्राउंड स्टेशन तक पहुंचता है, और फिर यूजर्स के घरों में लगे छोटे सैटेलाइट डिश के जरिए डेटा उपलब्ध होता है। प्रत्येक सैटेलाइट का वजन 573 पाउंड है और इसका फ्लैट-पैनल डिजाइन इसे खास बनाता है।
स्टारलिंक की स्पीड और भविष्य की योजना
रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टारलिंक 50Mbps से 200Mbps की डाउनलोड स्पीड प्रदान करता है, जिसमें लेटेंसी 20-30 मिलीसेकंड रहती है। स्पेसएक्स का दावा है कि भविष्य में यह स्पीड 300Mbps से लेकर 1Gbps और 10Gbps तक ले जाई जाएगी।
जियो और एयरटेल का बाजार मूल्य
रिलायंस इंडस्ट्रीज का कुल मार्केट कैप 12 मार्च 2025 तक लगभग ₹19.5 लाख करोड़ (लगभग $235 बिलियन) है, जिसमें जियो का बड़ा योगदान है। वहीं, भारती एयरटेल का मार्केट कैप ₹8.5 लाख करोड़ (लगभग $102 बिलियन) है।
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