
Havoc of Starvation
Havoc of Starvation : गाजा। गाजा पट्टी इस समय अपने सबसे भयावह मानवीय संकट से जूझ रही है। लगातार बढ़ती भूख, आवश्यक वस्तुओं की किल्लत और सुरक्षा व्यवस्था के अभाव ने हालात को इतना बिगाड़ दिया है कि राहत सामग्री ले जा रहे ट्रकों को लोग बीच रास्ते में लूटने पर मजबूर हो रहे हैं। यह तस्वीर किसी अपराध की नहीं, बल्कि कड़वे और क्रूर अभाव की है जहां इंसान जिंदा रहने के लिए इंसानियत की सीमाएं पार करने को मजबूर है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने गाजा की स्थिति को “अब तक का सबसे भयावह दौर” बताया है। लंबे समय से जारी इजरायली नाकेबंदी के बाद हाल ही में लगभग 400 राहत ट्रकों को गाजा में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। मगर इनमें से केवल 115 ट्रक ही अपने गंतव्य तक पहुंच सके। भुखमरी की चरम अवस्था में पहुंचे लोगों ने दर्जनों ट्रकों को रास्ते में ही लूट लिया, क्योंकि उन्हें भरोसा नहीं कि अगली बार मदद कब और कितनी पहुंचेगी।
Havoc of Starvation : दुख और भय के बीच जिंदगी
दक्षिणी गाजा में शुक्रवार रात वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सहायता सामग्री ले जा रहे 15 ट्रकों को लूट लिया गया। वहीं, इजरायली हवाई हमलों में उसी दिन कम से कम 71 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए। गाजा सिविल डिफेंस एजेंसी के अधिकारी मोहम्मद अल मुगायीर ने बताया कि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हैं। बुनियादी ढांचे के लगातार नष्ट होने से भोजन, स्वच्छ पानी और दवाइयों की आपूर्ति लगभग ठप हो चुकी है।
एक स्थानीय निवासी ने रोते हुए कहा, “मेरी बेटी सुबह से रोटी मांग रही है, लेकिन मेरे पास उसे देने के लिए कुछ भी नहीं है।” यह केवल एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं, बल्कि गाजा में लाखों जिंदगियों की चीख है, जिसे दुनिया को सुनने की ज़रूरत है।
Havoc of Starvation : संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी और अंतर्राष्ट्रीय चिंता
गुटेरस ने राहत सामग्री की आपूर्ति में रुकावट के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे “क्रूरता की पराकाष्ठा” करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात यूं ही बने रहे, तो गाजा एक ऐसे मानवीय संकट का केंद्र बन जाएगा जिसकी भरपाई पीढ़ियों तक नहीं हो सकेगी।
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने गाजा में 75 से अधिक आतंकी ठिकानों, रॉकेट लॉन्चरों और हथियार भंडारों को निशाना बनाया है। हालांकि, इन हमलों में बड़ी संख्या में आम नागरिकों के मारे जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिससे संकट और गहरा गया है।
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