
गोविंदा की अधूरी फिल्में: 90 के दशक के सुपरस्टार का दर्द, 100 करोड़ का दांव और अधर में लटकी कहानियां
गोविंदा, जिन्हें 90 के दशक में बॉलीवुड का सुपरस्टार माना जाता था, ने एक के बाद एक हिट फिल्में देकर पूरे इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था। हालांकि, उनकी जिंदगी में एक ऐसा दौर भी आया, जब फिल्मों के ऑफर बंद हो गए और कई फिल्में बनकर भी रिलीज नहीं हो पाईं। गोविंदा का 21 दिसंबर को 61वां जन्मदिन है, और इस मौके पर हम उनकी उन अधूरी फिल्मों के बारे में बात करेंगे, जो आज तक पर्दे पर नहीं आ सकीं।
9 साल से साजिश का शिकार?
गोविंदा ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि फिल्म इंडस्ट्री में कुछ लोग उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा, “पिछले 9 साल से मेरी फिल्में या तो रिलीज नहीं हो रही हैं या उन्हें पर्याप्त स्क्रीन नहीं मिल रही।” उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी फिल्म ‘फ्राइडे’ को थिएटर्स से हटा दिया गया, जबकि मीडिया ने इसे अच्छे रिव्यू दिए थे।
डिब्बाबंद फिल्में और 100 करोड़ का नुकसान
गोविंदा ने बताया कि पिछले 10-15 सालों में उनकी कई फिल्में बनकर डिब्बाबंद हो गईं। इनमें 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इनमें से कुछ फिल्में हैं:
- ‘पड़ोसन’ रीमेक (2007)
1968 की क्लासिक फिल्म का रीमेक जिसमें गोविंदा ने महमूद का किरदार निभाया था। सायरा बानो का रोल न मिलने के कारण फिल्म बंद हो गई। - ‘मेरे पास मां है’ (1987)
अनुपम खेर, कादर खान, और गुलशन ग्रोवर के साथ बनी यह फिल्म भी अधूरी रह गई। - ‘रामा ओ रामा’ (1986)
राज बब्बर और किमी काटकर के साथ यह फिल्म भी बीच में बंद हो गई। - ‘शोबिज’ (1991)
महेश भट्ट द्वारा निर्देशित इस फिल्म में संजय दत्त, मिथुन चक्रवर्ती, और डिंपल कपाड़िया जैसे सितारे थे। - ‘तांडव’
गोविंदा के डबल रोल वाली इस फिल्म में जितेंद्र, जया प्रदा और अमृता सिंह शामिल थे। - ‘ऑस्कर’ (1998)
एक बॉलीवुड एक्टर की कहानी जो हॉलीवुड में करियर बनाना चाहता है, लेकिन डायरेक्टर की मौत के कारण यह फिल्म बंद हो गई। - ‘सैंडविज’
बालासाहेब ठाकरे पर आधारित इस फिल्म की तारीफ सलमान और आमिर खान ने की थी, लेकिन इसे रिलीज नहीं किया गया। - अन्य फिल्में
‘कोहिनूर’, ‘बराबर की टक्कर’, ‘याहू’, ‘शूरवीर’, ‘शोमैन’, ‘आज का हिंदुस्तान’, ‘गुजारिश’, और ‘कागज’ जैसी फिल्में भी बनकर डिब्बाबंद हो गईं।
गोविंदा का दर्द
गोविंदा ने कहा कि उनके करियर के इस दौर में इंडस्ट्री से उन्हें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कहा, “मेरा काम मेरी पहचान है। मैं आज भी अच्छे प्रोजेक्ट की तलाश में हूं।”
आज भी गोविंदा का जादू बरकरार
भले ही गोविंदा का करियर अब पहले जैसा नहीं रहा हो, लेकिन उनकी पुरानी फिल्मों का जादू आज भी फैंस के दिलों में जिंदा है। उनकी कॉमेडी टाइमिंग और डांस के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है।