
रायपुर : 180 किलोमीटर की रफ़्तार में भी नहीं छलका गिलास : वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने पिछले तीन दिनों में अपने कई परीक्षणों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की है। इस दौरान उसके इंजन पर रखा पानी से भरा गिलास छलका तक नहीं। इसका एक वीडियो भी केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने अपने एक्स प्रोफइल पर शेयर किया है।
180 किलोमीटर की रफ़्तार में भी नहीं छलका गिलास : कब तक चलेंगे ये परीक्षण
बताया जा रहा है कि जनवरी के आखिर तक ये टेस्ट जारी रहेंगे। उसके बाद पूरे देशभर के रेल यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह विश्व-स्तरीय यात्री रेलगाड़ी उपलब्ध कराई जाएगी। एक बार ये सभी टेस्ट पूर्ण होने के बाद, रेलवे सेफ्टी कमिश्नर अधिकतम गति पर ट्रेन का निरीक्षण करेंगे । आखिरी चरण में सक्सेस होने के बाद ही वंदे भारत ट्रेनों को आधिकारिक रूप से टेस्टेड माना जाएगा और उन्हें भारतीय रेलवे को शामिल करने और नियमित सेवा के लिए सौंपा जाएगा।
छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा फायदा
रेलवे के लिए असल चैलेन्ज बर्थ जोड़ना और ट्रेनों को पूरे यात्री और सामान लोड की स्थिति के लिए टेस्ट करना था ताकि उन्हें 180 किमी/घंटा की अधिकतम रफ़्तार प्राप्त करते हुए वंदे भारत स्लीपर कोच में बदला जा सके। इन सफल टेस्ट्स के साथ, रेल यात्री कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से मुंबई, हावड़ा से चेन्नई और कई अन्य रेल मार्गों पर लम्बी दूरी की यात्राओं में विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव की उम्मीद कर सकते हैं। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को भी इसका फायदा मिलेगा। यात्रा का समय काफी कम होने से लाभ होगा।
180 किलोमीटर की रफ़्तार में भी नहीं छलका गिलास :
इस टेस्टिंग का एक वीडियो केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर शेयर किया है। उस वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंदर एक मोबाइल के बगल में पानी से भरा गिलास रखा गया है। वीडियो में पानी का स्तर स्थिर देखा जा सकता है। वन्दे भारत स्लीपर ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम और स्थिर रफ़्तार प्राप्त करती है। उनकी ये पोस्ट 3 दिनों के सफल परीक्षणों के बाद आई है, जो 2 जनवरी को समाप्त हुई थी, जिसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने अपनी भरी हुई स्थिति में अधिकतम रफ़्तार प्राप्त की।
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