
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें एक मॉडल की तरह पोज़ देते हुए दिखाया गया है। इस तस्वीर को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि जया किशोरी अब मॉडलिंग में कदम रख चुकी हैं। हालांकि, फैक्ट चेक में यह तस्वीर पूरी तरह से फर्जी साबित हुई है।
तस्वीर के बारे में किए जा रहे दावे
वायरल तस्वीर में जया किशोरी लाल रंग की ड्रेस में एक मॉडल की तरह पोज़ दे रही हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं:
- कुछ लोग इसे जया किशोरी की नई दिशा बता रहे हैं।
- उनके समर्थकों ने इसे एआई जनरेटेड तस्वीर बताया है और दावा किया है कि यह उनकी छवि खराब करने की साजिश है।
फैक्ट चेक: तस्वीर की सच्चाई
इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कई तथ्यों को जांचा गया:
- आधिकारिक स्रोतों पर तस्वीर नहीं मिली:
- जया किशोरी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) पर इस तस्वीर को पोस्ट नहीं किया गया है।
- उनके किसी भी पोस्ट में मॉडलिंग से जुड़े किसी काम का जिक्र नहीं है।
- एआई जनरेटेड फोटो की संभावना:
- फैक्ट चेक करने वाले प्लेटफॉर्म्स ने पुष्टि की है कि यह तस्वीर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से बनाई गई है।
- तस्वीर में कई असमानताएं और विसंगतियां देखी गईं, जो एआई-जनरेटेड इमेजेस की पहचान करती हैं।
- फोटोशॉप और छेड़छाड़:
- मीडिया रिपोर्ट्स और जांच में पाया गया है कि तस्वीर को फोटोशॉप जैसे सॉफ्टवेयर की मदद से एडिट किया गया है।
- असली तस्वीर को मॉर्फ कर इसे वायरल किया गया।
- प्रवक्ता का बयान:
- जया किशोरी के करीबी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यह तस्वीर पूरी तरह से फर्जी है और उनका मॉडलिंग में जाने का कोई इरादा नहीं है।
क्यों फैलाई जा रही है फर्जी तस्वीर?
- छवि खराब करने की साजिश:
जया किशोरी के समर्थकों का मानना है कि उनकी लोकप्रियता और सामाजिक प्रभाव को कमजोर करने के लिए यह तस्वीर वायरल की गई है। - विवाद खड़ा करने की कोशिश:
जया किशोरी पहले भी विवादों में रही हैं, विशेष रूप से धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम) के साथ उनके विवाह की अफवाहों को लेकर। यह तस्वीर भी एक प्रचार का हिस्सा हो सकती है।
सोशल मीडिया पर सतर्कता की जरूरत
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फर्जी तस्वीरें और जानकारी से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। किसी भी दावे को सच मानने से पहले उसकी सटीकता की जांच करना आवश्यक है।