बिलासपुर। महापौर चुनाव के खर्चा की चर्चा : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब तैयारी तेज हो गई हैं । राज्य में 5 वर्षों के बाद महापौर के अलावा नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष का सीधे चुनाव होगा। नगर पंचायत अध्यक्ष और मेयर की चेयर के लिए खर्च की सीमा कितनी तय की गई है ? इसी खर्चा की चर्चा हमलोग इस खबर में करने वाले हैं।
महापौर चुनाव के खर्चा की चर्चा : शासन ने तय कर दी चुनावी खर्च की सीमा
दरअसल चुनाव प्रचार के लिए खर्च की सीमा तय करते वक्त वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है। मसलन जिन नगर निगमों की कुल जनसंख्या 5 लाख से ज्यादा होगी वहां के उम्मीदवारों को 25 लाख रुपये, 3 से 5 लाख की जनसंख्या वाले निकायों के उम्मीदवारों को 20 लाख रुपये व तीन लाख से कम जनसंख्या वाले निकायों के प्रत्याशियों को 15 लाख तक खर्च की सीमा निर्धारित की गई है। इसी तरह नगर पालिकाओं के उम्मीदवारों के लिए सीमा तय कर दी है। 50 हजार से ज्यादा की आबादी वाली पालिकाओं के प्रत्याशियों को 10 लाख रुपये व 50 हजार से कम आबादी वाली पालिकाओं के प्रत्याशियों के लिए खर्च की लिमिट 8 लाख रुपये निर्धारित की गई है।
कौन करेगा इसकी निगरानी
लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तर्ज पर उम्मीदवारों के चुनावी प्रचार के दौरान किए जाने वाले खर्च को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। चुनाव के दौरान प्रत्याशियों को अलग से बैंक अकाउंट खोलने होंगे। इसी में चुनावी प्रचार खर्च का हिसाब रहेगा। उम्मीदवारों के चुनाव संचालक इस खर्च का हिसाब रखेंगे।
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