
Delhi Assembly Elections : क्या इस बार दिल्ली की 11 चुनौतीपूर्ण सीटों पर बीजेपी लिखेगी नई इबारत?
Delhi Assembly Elections : 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी महज 4 सीटों की कमी के चलते सत्ता से दूर रह गई थी। हालांकि, पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई। खासतौर पर 11 सीटें ऐसी थीं, जहां बीजेपी को सफलता नहीं मिली। इन सीटों का समीकरण ऐसा है कि हर चुनाव में ये पार्टी के लिए चुनौती साबित होती हैं।
11 सीटों का राजनीतिक समीकरण
इन 11 सीटों में 5 सीटें दलित समुदाय के लिए आरक्षित हैं, 4 सीटें मुस्लिम बहुल हैं, और 2 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं। इन सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन बीते चुनावों में कमजोर रहा है। 2013 में भी इन्हीं सीटों पर पार्टी के कमजोर प्रदर्शन ने बहुमत का रास्ता रोक दिया था।
बीजेपी के लिए चुनौती क्यों?
- दलित आरक्षित सीटें: दलित बहुल इलाकों में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस का मजबूत जनाधार बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा करता है।
- मुस्लिम बहुल सीटें: इन इलाकों में बीजेपी को पारंपरिक तौर पर वोट नहीं मिलते। यहां AAP और कांग्रेस का वर्चस्व है।
- सामान्य सीटें: सामान्य वर्ग की इन दो सीटों पर स्थानीय मुद्दे और जातीय समीकरण बीजेपी के खिलाफ जाते रहे हैं।
क्या इस बार बदलेगा समीकरण?
2024 के चुनाव में बीजेपी ने इन सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए खास रणनीति बनाई है।
- स्थानीय नेतृत्व पर जोर: बीजेपी ने इन इलाकों में नए और स्थानीय चेहरों को सामने लाने की तैयारी की है।
- विशेष अभियान: दलित और मुस्लिम बहुल इलाकों में भरोसेमंद चेहरे और विकास योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
- मुद्दों पर फोकस: क्षेत्रीय समस्याओं और जरूरतों को चुनावी एजेंडे में शामिल किया गया है।
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