
Raipur AIIMS
AIIMS Raipur: रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर के डॉक्टरों ने एक बेहद जटिल और दुर्लभ सर्जरी कर एक 13 वर्षीय बच्चे के फेफड़े में फंसी धातु की पिन को सफलतापूर्वक बाहर निकाला। यह मामला चिकित्सा विज्ञान की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें समय पर हस्तक्षेप और आधुनिक तकनीक ने जान बचाई।
AIIMS Raipur: सीने में दर्द, खून वाली खांसी और तेज बुखार के साथ पहुंचा था अस्पताल
बच्चा 30 जून को AIIMS रायपुर के ट्रॉमा एवं आपातकालीन विभाग में भर्ती हुआ था। उसे पिछले दो सप्ताह से सीने में तीव्र दर्द, खांसी के साथ खून आना और तेज बुखार की शिकायत थी। प्रारंभिक जांच और एक्स-रे से पता चला कि बच्चे ने खेलते समय गलती से मुंह में रखी धातु की पिन निगल ली थी, जो सीधे उसके बाएं फेफड़े की निचली श्वासनली (Bronchus) में फंस गई थी।
AIIMS Raipur: संक्रमण और फेफड़े को नुकसान से बचाने के लिए तुरंत की गई ब्रोंकोस्कोपी सर्जरी
पिन की स्थिति और साथ ही निमोनिया के लक्षण सामने आने के कारण तत्काल सर्जरी का निर्णय लिया गया। AIIMS की बहु-विशेषज्ञ चिकित्सक टीम ने अत्याधुनिक वीडियो ब्रोंकोस्कोपी तकनीक की मदद से पिन का स्थान सटीकता से चिन्हित किया और विशेष उपकरणों से उसे बेहद सावधानीपूर्वक निकाला। सर्जरी के दौरान हुए मामूली रक्तस्राव को टेम्पोनाड और एड्रेनालिन से नियंत्रित किया गया। पूरी प्रक्रिया बिना किसी गंभीर जटिलता के सफल रही।
AIIMS Raipur: अगले ही दिन स्वस्थ होकर घर लौटा बच्चा
सर्जरी के बाद बच्चे को एंटीबायोटिक्स और फिजियोथेरेपी की सलाह दी गई और अगले ही दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने बताया कि अगर समय रहते पिन को नहीं निकाला जाता, तो इससे सांस नली में रुकावट, संक्रमण या फेफड़े की स्थायी क्षति हो सकती थी।
AIIMS Raipur: उन्नत तकनीक और समर्पित टीम ने बचाई जान
इस महत्वपूर्ण सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में शामिल थे: डॉ. रंगनाथ टी. गंगा, डॉ. अजय बेहेरा, डॉ. प्रवीण दुबे, डॉ. राहुल चक्रवर्ती, डॉ. देवेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. चंदन डे और डॉ. शमा खान। AIIMS रायपुर के निदेशक ले. जनरल अशोक जिंदल ने सफल सर्जरी के लिए टीम को बधाई दी और इसे संस्थान की क्लिनिकल उत्कृष्टता का प्रमाण बताया।
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