तुष्टिकरण की राजनीति पर हमला:
अमित शाह ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि अब यह खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मोहब्बत की दुकान में बेची जाने वाली कोई चीज नहीं होती है।
धारा 370 का उल्लेख:
शाह ने धारा 370 के हटने की बात करते हुए कहा कि इससे जम्मू और कश्मीर अब भारत के साथ पूरी तरह से जुड़ चुका है, और यहां के नागरिकों को समान अधिकार मिल चुके हैं।
संविधान की रक्षा पर जोर:
अमित शाह ने कहा कि संविधान की रक्षा और इसके उद्देश्यों को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है, और इसके तहत देश की एकता और अखंडता को बनाए रखा जाएगा।
आरक्षण का समर्थन:
शाह ने कहा कि सरकार का आरक्षण के मुद्दे पर रुख संविधान के अनुरूप है, और इसका उद्देश्य सामाजिक समानता लाना है, जिससे हर वर्ग को समान अवसर मिल सके।
संविधान के अनुच्छेद 370 का कश्मीर में असर:
शाह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद, कश्मीर का पूरा राज्य भारत के साथ जुड़ चुका है और अब यहां के नागरिकों को हर तरह के समान अधिकार मिलेंगे।
हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर बयान:
अमित शाह ने हिंदू-मुस्लिम विवाद को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा कि धर्मनिरपेक्षता और संविधान के तहत भारत में सभी धर्मों के लिए समान अधिकार हैं।
धारा 370 और पाकिस्तान से संबंध:
शाह ने कहा कि धारा 370 का निरस्तीकरण पाकिस्तान के प्रभाव को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम था और इससे जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता कम हुई है।
देश की एकता की बात:
उन्होंने कहा कि भारत की संविधान में एकता और अखंडता का बखान है और हर नागरिक को समान अधिकार मिलना चाहिए, चाहे उनका धर्म, जाति या भाषा कुछ भी हो।
संविधान का उल्लंघन करने वालों पर हमला:
अमित शाह ने उन लोगों पर भी हमला किया जो संविधान की धारा 370 और आरक्षण जैसे विषयों का उल्लंघन करते हैं, और कहा कि सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
विपक्ष से संविधान का सम्मान करने की अपील:
उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे संविधान का सम्मान करें और विभाजनकारी राजनीति से बचें, ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे।