
बिल गेट्स
नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने हमारे काम करने और सोचने के तरीके को बदल दिया है। OpenAI, Gemini, Copilot जैसे प्लेटफॉर्म्स हर क्षेत्र में छाए हुए हैं। घंटों का काम अब मिनटों में हो जाता है, और कंपनियां इस तकनीक से खूब फायदा उठा रही हैं। लेकिन इसके साथ ही नौकरी जाने का डर भी लोगों को सताने लगा है। क्या AI प्रोफेशनल्स की रोजी-रोटी छीन लेगा? इस सवाल का जवाब माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने दिया है।
गेट्स ने हाल ही में कहा कि AI भले ही कई क्षेत्रों में इंसानों को पीछे छोड़ दे, लेकिन कुछ नौकरियां ऐसी हैं जो इसकी पहुंच से बाहर रहेंगी। जहां NVIDIA के जेन्सन हुआंग और OpenAI के सैम ऑल्टमैन जैसे दिग्गज कोडर्स को सबसे ज्यादा खतरे में मानते हैं, वहीं गेट्स का नजरिया अलग है। वे कहते हैं कि कोडिंग में इंसानों की रचनात्मकता और गहरी समझ AI से बेहतर है, इसलिए यह पेशा सुरक्षित रहेगा।
इसके अलावा, गेट्स ने दो और पेशों को AI से सुरक्षित बताया। पहला है बायोलॉजिस्ट। उनका कहना है कि AI डीएनए विश्लेषण या बीमारी निदान में मदद कर सकता है, लेकिन वैज्ञानिक खोजों के लिए जरूरी मौलिक सोच इसमें नहीं है। दूसरा है एनर्जी एक्सपर्ट्स, क्योंकि यह क्षेत्र इतना जटिल है कि इसे पूरी तरह स्वचालित करना अभी असंभव है।
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि AI की बढ़ती ताकत नौकरियों के लिए चुनौती बन सकती है। फिर भी, गेट्स की यह भविष्यवाणी कोडर्स, बायोलॉजिस्ट और एनर्जी एक्सपर्ट्स के लिए राहत लेकर आई है। वे इसे इंसानी कौशल की जीत मानते हैं, जहां AI सिर्फ सहायक बनकर रह जाएगा।
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