
What Is ISS Special Crew Number
What Is ISS Special Crew Number: नई दिल्ली: भारत के शुभ्रांशु शुक्ला ने हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर अपनी पहली रात बिताई, वो भी तीन अन्य देशों के एस्ट्रोनॉट्स के साथ! जैसे ही वो ISS पहुंचे, उन्हें एक खास क्रू नंबर दिया गया। लेकिन ये नंबर आखिर होता क्या है? क्यों हर एस्ट्रोनॉट को ये दिया जाता है? और क्या भारत की बेटियों कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स को भी ऐसा नंबर मिला था? चलिए, इसकी कहानी आसान भाषा में समझते हैं!
क्रू नंबर का क्या मतलब?
ISS पर हर एस्ट्रोनॉट को एक यूनिक क्रू आईडी या पोजिशन नंबर मिलता है। ये नंबर सिस्टम लॉगिंग और सुरक्षा के लिए होता है। जैसे, अगर कोई मेडिकल टेस्ट, इमरजेंसी ड्रिल या कोई साइंस एक्सपेरिमेंट करना हो, तो एस्ट्रोनॉट अपने क्रू नंबर से सिस्टम में लॉगिन करता है। इससे उनकी हर एक्टिविटी रिकॉर्ड होती है। खासकर स्पेसवॉक के दौरान, जब स्पेससूट में चेहरा देखना मुश्किल होता है, तो नंबर (जैसे EVA-1, EVA-2) से पहचान होती है। मिशन कंट्रोल और बाकी क्रू मेंबर्स उन्हें इसी नंबर से पुकारते हैं।
What Is ISS Special Crew Number: कन्फ्यूजन से बचने का तरीका
ISS पर कई देशों के लोग एकसाथ काम करते हैं। कभी-कभी नाम या आवाज़ मिलती-जुलती हो सकती है, जैसे क्रिस और क्रिश! ऐसे में टेक्निकल बातचीत में नंबर या कॉल साइन इस्तेमाल होता है, ताकि कोई गलती न हो। वैसे, रोज़मर्रा में तो एस्ट्रोनॉट्स एक-दूसरे को नाम से ही बुलाते हैं, क्योंकि वहां दोस्ताना माहौल होता है।
कब शुरू हुआ ये सिस्टम?
1960 के दशक में शुरुआती स्पेस मिशन्स में नंबरिंग का चलन नहीं था। तब कॉल साइन या नाम से काम चलता था। लेकिन 1970 के दशक में, जब स्पेस मिशन जटिल हुए और स्पेसवॉक आम होने लगे, तब नंबरिंग शुरू हुई। स्पेससूट में चेहरा न दिखने और रेडियो कम्युनिकेशन में साफ-सफाई के लिए ये जरूरी था। NASA ने 1981 के बाद स्पेस शटल मिशन्स में EVA-1, EVA-2 जैसे नंबर लागू किए। 1998 में ISS शुरू होने के बाद ये स्टैंडर्ड बन गया।
What Is ISS Special Crew Number: राकेश, कल्पना और सुनीता का क्या?
राकेश शर्मा, भारत के पहले एस्ट्रोनॉट, को 1984 में सोयूज़ T-11 मिशन में कोई खास क्रू नंबर नहीं मिला। उनका मिशन कॉल साइन ‘जूपिटर’ था। कल्पना चावला को 1997 में STS-87 मिशन में मिशन स्पेशलिस्ट-1 (MS-1) का नंबर मिला, पर स्पेसवॉक न करने से EVA नंबर नहीं मिला। सुनीता विलियम्स को STS-116 में चार स्पेसवॉक के लिए EVA-1, EVA-2 जैसे नंबर मिले।
अंतरिक्ष में भारत का गर्व
शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) का ISS मिशन भारत के लिए गर्व का पल है। ये क्रू नंबर न सिर्फ उनकी पहचान है, बल्कि अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक भी है!
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