
Vice President Jagdeep Dhankhar
Vice President Jagdeep Dhankhar : नई दिल्ली। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस बहस के केंद्र में हैं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जिन्होंने 1976 में आपातकाल के दौरान किए गए 42वें संविधान संशोधन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि संविधान की प्रस्तावना को बदला नहीं जा सकता, क्योंकि यह संविधान की आत्मा और बीज है।
Vice President Jagdeep Dhankhar : संविधान की मूल भावना में बदलाव पर सवाल
उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा “भारत के संविधान की प्रस्तावना को 42वें संशोधन के तहत बदला गया था। इसमें ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्द जोड़े गए, जो संविधान निर्माताओं की मूल भावना का हिस्सा नहीं थे।” धनखड़ का कहना है कि दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में संविधान की प्रस्तावना में इस तरह बदलाव नहीं किया गया, लेकिन भारत में यह अपवाद देखने को मिला।
Vice President Jagdeep Dhankhar : बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेकर दी तर्क की मजबूती
उपराष्ट्रपति ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि अगर अंबेडकर ने चाहा होता तो ये शब्द संविधान की मूल प्रस्तावना में शामिल किए जा सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जो यह दर्शाता है कि ये शब्द संविधान की मूल भावना का हिस्सा नहीं थे।
Vice President Jagdeep Dhankhar : आरएसएस और केंद्रीय मंत्रियों का समर्थन
धनखड़ के इस बयान से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी इसी मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ जैसे शब्द संविधान में बाद में जोड़े गए, जो इसकी मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ है। होसबाले ने इस पर पुनर्विचार की सलाह दी थी, जिसे अब केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और शिवराज सिंह चौहान जैसे भाजपा नेता भी समर्थन दे रहे हैं। इन नेताओं का कहना है कि संविधान में जोड़े गए शब्दों को लेकर फिर से बहस की जरूरत है।
Vice President Jagdeep Dhankhar : 50 साल बाद फिर छिड़ी बहस
आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर यह मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। जहां एक ओर इसे संविधान की आत्मा से छेड़छाड़ माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ धड़े इसे समय की जरूरत और समावेशिता का प्रतीक बताते हैं।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.