UPSC
UPSC: नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के शताब्दी सम्मेलन में बुधवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संगठन के 100 वर्षों के योगदान को भारत की प्रशासनिक और लोकतांत्रिक यात्रा का ऐतिहासिक अध्याय बताया। सम्मेलन के पहले सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीएससी ने न केवल देश के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत किया है, बल्कि शासन प्रणाली में जनता का विश्वास भी बढ़ाया है।
UPSC: बिरला ने कहा कि मेरिट, पारदर्शिता और नैतिकता पर आधारित इस संस्था ने लाखों युवाओं को सार्वजनिक सेवा के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि UPSC ने विविध सामाजिक, भाषाई और भौगोलिक पृष्ठभूमि से आने वाली प्रतिभाओं को समान अवसर देकर भारत की जीवंत लोकतांत्रिक संरचना को मजबूत किया है।
UPSC: उन्होंने कहा कि भारत जब 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तब UPSC की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। डिजिटल युग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्यों के बीच आयोग ने अपने चयन प्रक्रिया को अधिक वैज्ञानिक, उन्नत और पारदर्शी बनाकर सुशासन के नए मानक स्थापित किए हैं। ओम बिरला ने भरोसा जताया कि शताब्दी वर्ष आयोग को नई ऊर्जा और दिशा देगा तथा ऐसी पीढ़ी तैयार करने में मदद करेगा जो राष्ट्र निर्माण की मजबूत आधारशिला बनेगी।
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