UP News : मथुरा के कोसी कलां कस्बे में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। ईदगाह कॉलोनी में 3 साल के सोफियान पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया, जिससे बच्चे की मौत हो गई। इस हादसे ने इलाके में सनसनी फैला दी है और स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासन को भी झकझोर दिया है।
घटना का विवरण
सोफियान अपने घर के बाहर खेल रहा था, जब 6 आवारा कुत्तों के झुंड ने उसे घेर लिया।
- कुत्तों का हमला: कुत्तों ने मासूम पर हमला करते हुए उसे बुरी तरह से नोचा और कुछ दूरी तक घसीटते हुए ले गए।
- स्थानीय बच्चों ने दी जानकारी: कुछ बच्चों ने यह दृश्य देखा और तुरंत सोफियान के परिवार को सूचित किया।
परिजनों का प्रयास
घटना की जानकारी मिलते ही सोफियान के परिजन मौके पर पहुंचे।
- कुत्तों को भगाया: परिवार वालों ने कुत्तों को किसी तरह खदेड़ा और बच्चे को छुड़ाया।
- अस्पताल ले जाने की कोशिश: घायल बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
- प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
- हालांकि, जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई।
इलाके में दहशत और आक्रोश
घटना के बाद ईदगाह कॉलोनी के लोगों में डर और गुस्सा दोनों है।
- स्थानीय लोगों की शिकायतें:
- इलाके में आवारा कुत्तों की संख्या काफी अधिक है।
- कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
- इलाके में हड़कंप: इस दर्दनाक घटना के बाद लोग अपने बच्चों को घर के बाहर खेलने देने से डर रहे हैं।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना पाकर पुलिस ने मामले की जानकारी नगर निगम को दी है।
- नगर निगम की जिम्मेदारी:
- नगर निगम पर आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
- इस घटना के बाद नगर निगम की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।
- प्रशासनिक लापरवाही:
- स्थानीय लोगों का आरोप है कि समय रहते कुत्तों की समस्या पर ध्यान दिया जाता तो इस घटना को टाला जा सकता था।
आवारा कुत्तों की समस्या: एक बढ़ती चिंता
- शहरों में बढ़ती कुत्तों की संख्या:
- आवारा कुत्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
- इनकी रोकथाम और नसबंदी के प्रयास कई जगहों पर असफल साबित हो रहे हैं।
- स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी:
- आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम को नियमित अभियान चलाने की आवश्यकता है।
- समय पर कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और उचित देखभाल सुनिश्चित करनी होगी।
समाज और प्रशासन की भूमिका
इस दर्दनाक घटना ने समाज और प्रशासन दोनों के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
- समाज की जागरूकता:
- लोगों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना होगा।
- स्थानीय स्तर पर आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
- प्रशासन की जिम्मेदारी:
- इस घटना से सबक लेते हुए प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे।
- नियमित रूप से आवारा कुत्तों के लिए टीकाकरण और नसबंदी अभियान चलाने की जरूरत है।
मथुरा की इस घटना ने एक बार फिर आवारा कुत्तों की समस्या पर ध्यान केंद्रित किया है। यह केवल प्रशासन की लापरवाही का मामला नहीं है, बल्कि समाज की जागरूकता और सक्रिय भागीदारी की भी मांग करता है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। यह हादसा एक मासूम की जिंदगी का अंत बन गया, लेकिन इसे आखिरी घटना बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
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