
Nitin Gadkari Statement गुंडा आए तो ठोक दो, नितिन गडकरी का सख्त रुख....
नई दिल्ली: भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब न केवल कारों, बल्कि ट्रकों और अन्य भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए भी क्रैश टेस्ट अनिवार्य होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इन वाहनों के लिए एक नई सुरक्षा रेटिंग प्रणाली शुरू करने की योजना बनाई है, जो भारत एनसीएपी (न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम) की तर्ज पर होगी। इस प्रणाली की शुरुआत 2023 में की गई थी और अब इसे भारी वाहनों तक विस्तारित किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा, “इस पहल का उद्देश्य वाहन निर्माताओं को अपने उत्पादों के सुरक्षा मानकों को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे सड़कों पर वाहनों की सुरक्षा में सुधार होगा और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी।” यह कदम ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (जीएनसीएपी) और सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई) के सहयोग से उठाया गया है।
देश में सड़क दुर्घटनाओं के डराने वाले आंकड़े
भारत में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा चिंताजनक है। हर साल लगभग 4.8 लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें 1.8 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। गडकरी ने बताया कि सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए कई नीतिगत और तकनीकी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके।
ई-रिक्शा के लिए भी सुरक्षा मानक
सरकार ई-रिक्शा की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रही है। इसके लिए विशेष सुरक्षा मानकों और मूल्यांकन प्रणाली पर काम किया जा रहा है। गडकरी ने कहा, “ई-रिक्शा में सुरक्षा सुधार से न केवल उनकी गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार सृजन में भी योगदान देगा।” बैटरी चालित इन वाहनों में तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है।
ट्रक चालकों के लिए कार्य घंटों का नियमन
सड़क सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए मंत्रालय ट्रक चालकों के कार्य घंटों को नियंत्रित करने वाला कानून लाने की तैयारी में है। वर्तमान में ट्रक चालक रोजाना 13-14 घंटे तक वाहन चलाते हैं, जिससे थकान के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। नए कानून के तहत चालकों के काम के घंटे सीमित किए जाएंगे, जिससे सड़क हादसों में कमी आएगी।
लॉजिस्टिक लागत कम करने की योजना
सरकार ने लॉजिस्टिक लागत को मौजूदा 14-16% से घटाकर 9% करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सुरक्षित और आधुनिक राजमार्गों का निर्माण, वाहन सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देना और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देना शामिल है। यह कदम न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी बढ़ाएगा।
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