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अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ के नजदीक आते ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐलान किया है कि इस साल पहली वर्षगांठ 22 जनवरी के बजाय 11 जनवरी को मनाई जाएगी। रामनगरी को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा और पूरे तीन दिनों तक भव्य आयोजन किए जाएंगे। इस बारे में जानकारी साझा करते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि भारतीय काल गणना के अनुसार यह आयोजन मनाया जाएगा।
रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गई थी, लेकिन 2025 में यह पर्व 11 जनवरी को आएगा, इसलिए इसे ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर चार प्रमुख स्थानों पर तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन आयोजित किए जाएंगे।
1. मंदिर परिसर में यज्ञ मण्डप का आयोजन
मंदिर के यज्ञ मण्डप में शुक्ल यजुर्वेद मध्यन्दनी शाखा के 40 अध्यायों के 1975 मंत्रों से अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी। इस दौरान 11 वैदिक मंत्रोच्चार भी होंगे। यह आयोजन सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। इसके अतिरिक्त, श्रीराम मंत्र का जप यज्ञ भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें 6 लाख मंत्रों का जप किया जाएगा। राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, पुरुष सूक्त, श्री सूक्त, आदित्य हृदय स्तोत्र और अथर्वशीर्ष जैसे प्रमुख पारायण भी होंगे।
2. मंदिर के भूतल पर कार्यक्रम
मंदिर के दक्षिणी दिशा में स्थित प्रार्थना मंडप में रोजाना दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक भगवान को राग सेवा प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा, मंदिर के कोली में रोजाना शाम 6 बजे से 9 बजे तक रामलला के सम्मुख बधाई गान प्रस्तुत किए जाएंगे।
3. यात्री सुविधा केंद्र का प्रथम तल
यहां तीन दिवसीय संगीतमय मानस पाठ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भक्तों को मानस के महत्व के बारे में बताया जाएगा।
4. अंगद टीला का मैदान
अंगद टीला के मैदान पर दोपहर 2 से 3:30 बजे तक राम कथा और 3:30 से 5 बजे तक मानस पर प्रवचन होंगे। इसके अतिरिक्त, शाम साढ़े 5:30 से 7:30 बजे तक अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। 11 जनवरी से भगवान के भोजन प्रसाद का वितरण भी प्रारंभ होगा। इस कार्यक्रम में सभी समाजों को आमंत्रित किया गया है।
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