
सुकमा, छत्तीसगढ़ : Sukma Breaking : सुकमा पुलिस द्वारा नक्सल गढ़ में लगातार कैंप खोले जाने के बाद अब नक्सलियों का आत्मसमर्पण करने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, एक हार्डकोर नक्सली सहित 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें सभी पर कुल मिलाकर 52 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
यह आत्मसमर्पण पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि यह नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करने का एक मजबूत कदम साबित हो रहा है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से दो प्रमुख सदस्य मगड़ू और समीर ने हमारे चैनल से बातचीत करते हुए अपनी दिनचर्या और नक्सलियों के कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। दोनों ने खुलासा किया कि कैसे नक्सली संगठन ने उन्हें अपने काबू में किया और किस प्रकार उन्होंने नक्सल संघटन को छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
मगड़ू और समीर ने बताया कि नक्सलियों की दिनचर्या काफी कठिन होती है, जिसमें उन्हें अत्यधिक दबाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने यह भी बताया कि नक्सलियों के द्वारा किए गए हमलों और संघर्षों के बावजूद, उन्होंने महसूस किया कि यह जीवन उनके लिए सही नहीं है। उन्होंने मुख्यधारा में लौटने के लिए पुलिस से सहायता की अपील की और आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।
इस कदम के बाद, सुकमा पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वालों को राहत दी और उन्हें पुनर्वास के तहत समाज में एक नई शुरुआत का अवसर दिया। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए ऐसे कैंपों और संवादों को और बढ़ाया जाएगा ताकि नक्सलवाद का प्रभाव कम किया जा सके।
इस आत्मसमर्पण को लेकर स्थानीय निवासियों में भी एक सकारात्मक संदेश गया है, और यह कदम नक्सलवाद के खिलाफ सुकमा पुलिस की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा साबित हो सकता है।
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