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नवा रायपुर अटल नगर परियोजना के तहत अब प्रभावित किसानों और भूमि-स्वामियों को कलेक्टर गाइडलाइन दर से चार गुना मुआवजा मिलेगा। पहले इस परियोजना के प्रभावित किसानों को उनकी जमीन का केवल दोगुना मुआवजा मिलता था। इस बदलाव के लिए राज्य सरकार ने ‘नया रायपुर में आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति 2017’ में संशोधन किया है।
नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि सहमति से जमीन देने पर चार गुना मुआवजा देने का निर्णय प्रभावित किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इससे उन किसानों को भी राहत मिलेगी जिन्होंने आपसी सहमति से अपनी जमीन नहीं दी थी, वे अब अपनी जमीन अधिक कीमत पर प्राधिकरण को बेच सकेंगे। इसके अलावा, कुछ अधूरे निर्माण कार्य जिनके लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई थी, अब जल्द पूरे हो सकेंगे।
नवा रायपुर अटल नगर परियोजना में 41 गांवों को शामिल किया गया है। इन गांवों में लेयर-1 के अंतर्गत अधिकांश किसानों की जमीन आपसी सहमति या अधिग्रहण के माध्यम से ली जा चुकी है। जिन किसानों की जमीनें अभी तक नहीं ली गई हैं, उन्हें अब चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। लेयर-2 और लेयर-3 में आने वाले गांवों के किसानों को भी इस नीति के तहत मुआवजा मिलेगा।
रूपन चंद्राकर, नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि इस निर्णय से किसानों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार यदि किसानों की हितैषी है, तो नवा रायपुर से लगे क्षेत्रों में जमीन की कीमत का चार गुना मुआवजा मिलना उचित है। साथ ही, प्रभावित किसानों के लिए पुनर्वास नीति भी बनाई जानी चाहिए।”
यह संशोधन परियोजना के प्रभावित किसानों को आर्थिक राहत देने के साथ-साथ नवा रायपुर अटल नगर के विकास में तेजी लाएगा। किसान अब अधिक मुआवजे के साथ अपनी जमीन दे सकेंगे, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा और विकास की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ेगी।
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