
आज शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का विशेष संबोधन...
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु कल (25 जनवरी, 2025) गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करेंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु : यह संबोधन शाम सात बजे से आकाशवाणी के समूचे राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी और इसके उपरांत अंग्रेजी में प्रसारित किया जाएगा। दूरदर्शन पर हिंदी और अंग्रेजी में संबोधन के प्रसारण के बाद दूरदर्शन के सभी क्षेत्रीय चैनलों पर क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रसारण किया जाएगा। आकाशवाणी अपने क्षेत्रीय नेटवर्कों पर रात 9 बजकर 30 मिनट से क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रारूप प्रसारित करेगा।
संबोधन का प्रसारण
राष्ट्रपति का यह संबोधन शाम 7 बजे से आकाशवाणी के राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी में प्रसारित किया जाएगा। इसके तुरंत बाद इसे अंग्रेजी में प्रस्तुत किया जाएगा।
- दूरदर्शन: हिंदी और अंग्रेजी के प्रसारण के उपरांत, सभी क्षेत्रीय चैनलों पर इसे क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा।
- आकाशवाणी: रात 9:30 बजे से अपने क्षेत्रीय नेटवर्क पर क्षेत्रीय भाषाओं में इसका प्रसारण किया जाएगा।
संबोधन का महत्व
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संबोधन भारतीय लोकतंत्र के मूल्यों और संविधान की शक्ति का प्रतीक है। यह संबोधन:
- देश की उपलब्धियों को उजागर करता है: राष्ट्रपति भारत की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति पर प्रकाश डालती हैं।
- चुनौतियों का उल्लेख: इसमें देश के सामने मौजूद चुनौतियों का समाधान खोजने का आह्वान किया जाता है।
- राष्ट्रीय एकता का संदेश: यह भाषण हर भारतीय को एकता, सहिष्णुता और राष्ट्रीय कर्तव्यों की याद दिलाता है।
- भविष्य की योजनाओं का दृष्टिकोण: इसमें सरकार की योजनाओं और विकास की रणनीतियों पर भी चर्चा की जाती है।
लोकतंत्र और प्रेरणा का संदेश
राष्ट्रपति मुर्मु का यह संबोधन भारत के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा। यह संदेश हमें अपनी जिम्मेदारियों और संविधान में निहित अधिकारों का सम्मान करने की प्रेरणा देगा।
गणतंत्र दिवस और संविधान की महत्ता
26 जनवरी केवल एक तारीख नहीं, बल्कि भारतीय गणराज्य का प्रतीक है। यह दिन हमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है और हमें अपने लोकतांत्रिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह संबोधन न केवल गणतंत्र दिवस समारोह का एक अभिन्न हिस्सा होगा, बल्कि यह देशवासियों को भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा भी देगा।