
Rekha Gupta : क्या आपने देखा दिल्ली की नई भाग्य रेखा....वीडियो....
दिल्ली : दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजधानी की सत्ता में वापसी की है, और इस बार मुख्यमंत्री के रूप में एक नया चेहरा सामने आया है—रेखा गुप्ता। शालीमार बाग से पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को भाजपा ने दिल्ली की कमान सौंपकर सबको चौंका दिया है। उनका यह सफर जितना अप्रत्याशित है, उतना ही दिलचस्प भी।
एक साधारण कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री तक का सफर
रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा किसी भी महत्वाकांक्षी नेता के लिए प्रेरणादायक हो सकती है। छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरुआत करने वाली रेखा धीरे-धीरे भाजपा संगठन में अपनी पकड़ मजबूत करती गईं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष रहकर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया और बाद में भाजपा में सक्रिय भूमिका निभाई।
इसके बाद वह एमसीडी चुनाव लड़ीं और दो बार पार्षद चुनी गईं। उत्तरी दिल्ली की मेयर बनकर उन्होंने प्रशासनिक अनुभव भी हासिल किया। पार्टी ने उनके संगठन कौशल और बेदाग छवि को देखते हुए उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा, जहां उन्होंने शानदार जीत दर्ज की।
भाजपा ने रेखा गुप्ता पर क्यों खेला दांव?
भाजपा ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर यह साफ कर दिया कि वह दिल्ली में एक नई रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाहती है। कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
नई और स्वच्छ छवि: रेखा गुप्ता की छवि बेदाग रही है, जिससे जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता अधिक है।महिला नेतृत्व को प्राथमिकता: भाजपा अब महिलाओं को नेतृत्व में आगे बढ़ा रही है, और दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री पार्टी की इस नीति को और मजबूती देती है। मजबूत संगठनात्मक पकड़: वह जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़ी रही हैं, जिससे पार्टी के अंदर भी उन्हें व्यापक समर्थन मिला। प्रशासनिक अनुभव: एमसीडी में रहते हुए उन्होंने सरकार चलाने का अनुभव प्राप्त किया, जिससे वह बड़े फैसले लेने के लिए तैयार मानी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री बनते ही ये चुनौती
रेखा गुप्ता के सामने मुख्यमंत्री बनने के बाद कई गंभीर चुनौतियां होंगी, जिनका समाधान करना उनके कार्यकाल की सफलता को तय करेगा।
प्रदूषण नियंत्रण: दिल्ली की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक को हल करना उनकी प्राथमिकता होगी।
बिजली-पानी की समस्या: दिल्ली के कई इलाकों में पानी की किल्लत और बिजली आपूर्ति में दिक्कतें बनी रहती हैं।
यातायात और अव्यवस्था: दिल्ली की ट्रैफिक समस्या एक बड़ा मुद्दा है, जिसे हल करना जरूरी होगा।
महिला सुरक्षा: एक महिला मुख्यमंत्री होने के नाते, दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनसे विशेष उम्मीदें होंगी।
स्वास्थ्य और शिक्षा सुधार: आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के बाद भाजपा को इन क्षेत्रों में खुद को साबित करना होगा।
क्या ‘रेखा’ बदल पाएंगी दिल्ली का भविष्य?
रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा ने यह संदेश दिया है कि वह नए नेतृत्व के साथ दिल्ली में बदलाव लाना चाहती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह जनता की उम्मीदों पर खरी उतर पाएंगी और भाजपा को लंबे समय के लिए राजधानी में मजबूत कर पाएंगी या नहीं।दिल्ली की सियासत में यह नया अध्याय शुरू हो चुका है, और सबकी नजरें इस नई ‘भाग्य रेखा’ पर टिकी हैं!
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