
छत्तीसगढ़ श्रम विभाग में सेक्स वर्कर का पंजीकरण, अधिकारी बोले- 'सेल्फ इम्प्लोईड' श्रेणी में
रायपुर : छत्तीसगढ़ के श्रम विभाग ने अपने एक चौंकाने वाले कदम से सुर्खियों में आ गया है। श्रम पंजीकरण के मापदंडों को बदलते हुए विभाग ने न केवल पारंपरिक मजदूरों, बल्कि सेक्स वर्कर्स और शिकारी को भी पंजीकरण में शामिल किया है। छत्तीसगढ़ में अब तक मजदूरों का पंजीकरण देखा जाता रहा है, लेकिन इस नए कदम से हैरानी जताई जा रही है कि अब सेक्स वर्कर और शिकारी भी इस श्रेणी में आ गए हैं।
पंजीकरण में क्या कुछ है खास? अब तक श्रम विभाग में कुली, रेजा, दर्जी, हमाल और अन्य मजदूरों का पंजीकरण किया जाता रहा है, लेकिन इस बार पंजीकरण की सूची में सेक्स वर्कर और शिकारी भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में कुल 51 लाख से अधिक मजदूर पंजीकृत हैं, जिनमें दर्जी की संख्या 25 लाख से अधिक है। हमाल, कुली और रेजा की संख्या भी 32 लाख के आसपास बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त, नाव चलाने वाले, रसोइया और फेरी वालों की संख्या भी कम नहीं है, जो पंजीकरण के तहत दर्ज किए गए हैं।
सेक्स वर्कर्स को ‘सेल्फ-एम्प्लॉयड’ बताया गया जब इस विषय पर श्रम विभाग के अधिकारियों से प्रतिक्रिया ली गई, तो नोडल अफसर जांगड़े ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि सेक्स वर्कर्स को किसी ठेकेदार के जरिए पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है। उनका कहना था कि सेक्स वर्कर्स ‘सेल्फ-एम्प्लॉयड’ के रूप में श्रेणीबद्ध हैं और अपनी वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण करवा सकते हैं। हालांकि, यह बात हैरान करने वाली है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में सेक्स वर्किंग को अपराध माना जाता है।
शिकारियों का पंजीकरण भी सवालों के घेरे में इसके अलावा, प्रदेश में शिकार पर प्रतिबंध होने के बावजूद, लगभग 80 से अधिक शिकारी भी श्रम विभाग की वेबसाइट पर पंजीकृत पाए गए हैं। यह स्थिति और भी अधिक विवादास्पद बनाती है, क्योंकि शिकार को पूरी तरह से गैरकानूनी माना जाता है।
यह पूरी घटना सरकार और श्रम विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आगे इस पर कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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