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रायपुर: Raipur Breaking : रायपुर नगर निगम के पूर्व एमआईसी (Mayor-in-Council) सदस्य समीर अख्तर ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पार्षद पद का टिकट न मिलने से नाराज समीर अख्तर ने बगावत का ऐलान कर दिया है
Raipur Breaking : और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर भेदभाव और गुटबाजी के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि “मैं नेताओं के पीछे नहीं भागता, चरण चुम्बन नहीं करता, इसी का खामियाजा भुगत रहा हूं।”
समीर अख्तर रायपुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 62 शहीद राजीव पाण्डेय वार्ड से मौजूदा पार्षद हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया, जिससे वे पार्टी के फैसले से नाराज हो गए।
कांग्रेस द्वारा नए चेहरे को मौका दिए जाने के बाद समीर अख्तर ने बगावत कर दी और इसी वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर हमला बोलते हुए कहा:
“पार्टी में मेहनत करने वालों को दरकिनार कर दिया जाता है, सिर्फ चाटुकारों को आगे बढ़ाया जा रहा है। मैं नेताओं की चापलूसी नहीं करता, इसी वजह से मुझे टिकट से वंचित कर दिया गया। कांग्रेस में ईमानदारी से काम करने वालों की कद्र नहीं की जाती।”
इस्तीफे की घोषणा के दौरान समीर अख्तर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी हावी है और कुछ खास लोगों को ही तरजीह दी जा रही है।
“जब तक मैं पार्टी के लिए काम करता रहा, तब तक सब ठीक था, लेकिन जैसे ही चुनाव का समय आया, मुझे किनारे कर दिया गया। कांग्रेस अब सिर्फ नेताओं के हितों तक सीमित हो गई है, जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।”
समीर अख्तर ने कहा कि पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जो जनता से दूर रहा है, जबकि वे खुद जनता के बीच लगातार काम कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस में अब योग्य और मेहनती कार्यकर्ताओं के लिए कोई जगह नहीं बची है।
इस्तीफा देने के बाद समीर अख्तर ने ऐलान किया कि वे अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें भले ही दरकिनार कर दिया हो, लेकिन जनता उनके साथ है।
“मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी। कांग्रेस ने जो किया है, उसका जवाब जनता वोट से देगी। मेरे समर्थक मेरे साथ हैं और वार्ड की जनता मुझे फिर से पार्षद बनाएगी।”
निकाय चुनाव से पहले रायपुर में कांग्रेस को अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा है। समीर अख्तर अकेले नहीं हैं, बल्कि पार्टी के कई अन्य सिटिंग पार्षद भी टिकट कटने से नाराज हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर कांग्रेस के अंदर यह असंतोष जारी रहा तो चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए असंतुष्ट नेताओं से वोटों का विभाजन होगा, जिससे भाजपा या अन्य दलों को फायदा मिल सकता है।
अब देखना यह होगा कि क्या समीर अख्तर निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस को कड़ा मुकाबला देंगे, या पार्टी उन्हें मनाने में सफल होगी। कांग्रेस का निकाय चुनाव में प्रदर्शन काफी हद तक इन बगावती नेताओं के फैसलों पर निर्भर करेगा।
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