
Parliament Monsoon Session
Parliament Monsoon Session: नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार को पांचवां दिन रहा, लेकिन सदन की कार्यवाही एक बार फिर से हंगामे की भेंट चढ़ गई। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों के लगातार विरोध और नारेबाजी के चलते सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में जारी गतिरोध को खत्म करने और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के उद्देश्य से सभी दलों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में आम सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है।
Parliament Monsoon Session: सत्र की शुरुआत कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ हुई। इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्षी सांसद बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सहित अन्य मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने सदन में तख्तियां दिखाईं और नारेबाजी की।
प्रदर्शन को देखते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा, “लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है, लेकिन इसे संसदीय परंपरा के अनुरूप ही दर्ज किया जाना चाहिए।” उन्होंने सांसदों को जनता की अपेक्षाओं का ध्यान रखने की सलाह दी और कहा कि प्रश्नकाल बाधित करना उचित नहीं है क्योंकि यह समय सदस्यों का होता है और सरकार की जवाबदेही तय करने का माध्यम है।
Parliament Monsoon Session: अध्यक्ष बिरला ने विपक्ष से अपील की कि वे चर्चा चाहते हैं तो सरकार से संवाद करें, ताकि गतिरोध समाप्त हो सके। उन्होंने कहा कि हर मुद्दे पर बातचीत संभव है, लेकिन केवल तख्तियां दिखाना और नारेबाजी करना लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल नहीं है।
इससे पहले, संसद परिसर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य विपक्षी सांसदों ने SIR के प्रतीकात्मक विरोध में उसकी प्रतियां फाड़ दीं और कूड़ेदान में फेंक दीं। मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष के विरोध और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध जारी है, जिससे सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।