Padma Award: बतूल बेगम ने लोक संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने अब तक 55 से अधिक देशों में अपनी गायकी का प्रदर्शन किया है, जिसमें इटली, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी और ट्यूनीशिया जैसे देश शामिल हैं। इस गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2025) से एक दिन पहले, केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है, जिसमें राजस्थान की प्रसिद्ध मांड गायिका बतूल बेगम का नाम भी शामिल है। उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बतूल बेगम को “भजनों की बेगम” के नाम से भी जाना जाता है, और वे मिरासी समुदाय की गायिका हैं। मांड गायकी के लिए उनकी पहचान न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी है।
बतूल बेगम मुस्लिम होते हुए भी श्रीराम और भगवान गणेश के भजन गाती हैं। उनकी आवाज का जादू ऐसा है कि उनके गाए गए मांड लोक गीतों ने हमेशा धूम मचाई है। पेरिस में आयोजित यूरोप के सबसे बड़े होली फेस्टिवल में वह पांच साल से प्रस्तुति देती आ रही हैं।
बतूल बेगम कौन हैं?
बतूल बेगम नागौर जिले के केराप गांव से ताल्लुक रखती हैं। उनका बचपन कठिनाइयों में बीता और उनकी पढ़ाई 5वीं क्लास में ही रुक गई थी। 16 साल की उम्र में उनका निकाह फिरोज खान से हुआ, जो एक कंडक्टर थे। उनके तीन बेटे हुए। हालांकि गरीबी के बावजूद, बतूल बेगम ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कभी हार नहीं मानी और गायकी की राह पर कदम बढ़ाया।
Padma Award: संगीत का सफर
बतूल बेगम ने महज 8 साल की उम्र में ठाकुरजी के मंदिर में भजन गाकर अपने संगीत की शुरुआत की थी। उनके जीवन में कई संघर्ष आए, लेकिन उन्होंने अपनी गायकी को जारी रखा और आज लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष पहचान दिलाई।
55 से ज्यादा देशों में गायकी
बतूल बेगम ने मांड और फाग जैसे लोक संगीत शैलियों को दुनिया भर में प्रस्तुत किया और लाखों दिलों को छुआ। उन्होंने पेरिस के टाउन हॉल में प्रस्तुति दी और राजस्थान की पहली महिला लोक गायिका बन गईं, जिन्होंने वहां पर अपनी गायकी का प्रदर्शन किया।
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
बतूल बेगम हिंदू भजनों और मुस्लिम मांड के जरिए सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देती हैं। बिना माइक के तबला और हारमोनियम के साथ फाल्गुन के लोक गीतों को गाने की उनकी कला श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती है।
बतूल बेगम को मिले सम्मान
बतूल बेगम को 2022 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, फ्रांस और ट्यूनेशिया की सरकारों ने भी उन्हें सम्मानित किया। उन्हें GOPIO अचीवर्स अवार्ड और सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुका है।
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