Navratri Vrat 2024 : व्रत के दौरान सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि सेंधा नमक को शुद्ध माना जाता है. आइए जानते हैं कि साधारण नमक और सेंधा नमक में क्या अंतर होता है और क्यों सेंधा नमक को व्रत में इस्तेमाल करने योग्य माना जाता है दरअसल साधारण नमक को समुद्र के पानी से तैयार किया जाता है.
इसे तैयार करने के लिए समुद्र के पानी को छिछले तालाबों में इकट्ठा किया जाता है. 8 से 10 दिनों में ज्यादातर पानी सूरज की तेजी रोशनी में भाप बनकर उड़ जाता है और तली में नमक रह जाता है. इस प्रक्रिया को सोलर सॉल्ट प्रोडक्शन कहा जाता है. इसके बाद . नमक को खाने लायक बनाने के लिए
कई तरह की रिफाइन प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसे में इसके पोषक तत्व भी काफी कम हो जाते हैं और इसे व्रत के लिहाज से शुद्ध भी नहीं माना जाता.वहीं सेंधा नमक की बात करें तो ये प्राकृतिक रूप से प्राप्त नमक है. ये किसी चीज से तैयार नहीं
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होता, बल्कि ये हिमालय में मिलने वाले पिंक पत्थरों को पीसकर तैयार किया जाता है. इसे रॉक सॉल्ट या पहाड़ी नमक के नाम से भी जाना जाता है. सेंधा नमक को तैयार करने के लिए किसी फिल्टर या रिफाइन प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता, इसलिए इसमें तमाम मिनरल्स बरकरार रहते हैं.
प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने के कारण ये नमक शुद्ध माना जाता है. इसे तैयार करने के लिए किसी रिफाइनरी प्रक्रिया की जरूरत नहीं होती है.हालांकि तमाम पोषक तत्वों के बावजूद सेंधा नमक में एक खास तत्व का अभाव होता है और वो है आयोडीन. इस कारण तमाम विशेषज्ञ सेंधा नमक के अलावा थोड़ा बहुत साधारण नमक खाने की भी सलाह देते हैं, ताकि शरीर में आयोडीन की कमी न हो
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