विकास बघेल, रीवा
MP Reva News : कैंपस सिलेक्शन में बड़ी कंपनियां देंगी महत्व, छात्रों को मिल सकेगा बेहतर रोजगार विंध्य के गौरव शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की दो ब्रांच को फिर से एनबीए ने एक्रीडिटिएशन प्रदान किया है।नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटिएशन (एनबीए) ने इस नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटिएशन ने इस बारे में महाविद्यालय प्रबंधन को सूचना दी।
MP Reva News : एनबीए की दो सदस्यीय टीम ने एक्रीडिटिएशन देने से पहले विगत 9 मार्च को महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। एनबीए टीम ने महाविद्यालय के सिविल और मैकेनिकल विभाग की शैक्षणिक व्यवस्थाएं देखीं और प्रायोगिक गतिविधियों का जायजा लिया।
तदुपरांत निरीक्षण रिपोर्ट उक्त टीम ने एनबीए मुख्यालय को दी, जिसके आधार पर यह एक्रीडिटिएशन जारी हुआ है। इस एक्रीडिटिएशन की अवधि मार्च 2027 तक रहेगा, गौरतलब है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटिएशन (एनबीए) द्वारा सभी सरकारी तकनीकी महाविद्यालय का निरीक्षण किया जाता है।
एनबीए की टीम महाविद्यालय की प्रत्येक ब्रांच का निरीक्षण करती है, जिसके बाद नैक की तर्ज में निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर संबंधित महाविद्यालय की प्रत्येक ब्रांच को एनबीए ग्रेड से नवाजा जाता है। इस एनबीए ग्रेड की अवधि 3 वर्ष होती है। जीईसी महाविद्यालय को टायर 2 स्तर के संस्थान के रूप में एनबीए ने ग्रेडिंग दी है। टायर-1 में आईआईटी जैसे संस्थानों को ग्रेडिंग एनबीए करता है।
54 देशों में मान्य होगी डिग्री
एनबीए ग्रेडिंग मिलने से महाविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों में प्रसन्नता व्याप्त है। यह ग्रेडिंग मिलने से अब महाविद्यालय के छात्रों की डिग्री को राष्ट्रीय स्तर के संस्थान की दृष्टि से देखा जायेगा। इस महाविद्यालय के उक्त दोनों ब्रांच की डिग्री में एनबीए एक्रीडिएटेड दर्ज होगा, जिससे यह डिग्री विश्व के 54 देशों में मान्य होगी। साथ ही, कैम्पस सेलेक्शन के लिए बड़ी मल्टी नेशनल कंपनी भी इस डिग्री को महत्व देंगी। अर्थात् रोजगार की दृष्टि से छात्रों के लिए यह एक्रीडिटिएशन काफी महत्वपूर्ण है। वहीं, महाविद्यालय को अकादमिक विकास के लिए एआईसीटीई से अतिरिक्त अनुदान भी मिल सकता है।
एक ब्रांच का नहीं हो पाया एक्रिडिटिएशन
हालांकि नियमित शिक्षा न होने से इस बार पुनः महाविद्यालय कोनुकसान हुआ है। इसके पहले महाविद्यालय का एनबीए ने अगस्त 2021 में निरीक्षण किया था और सितम्बर 2021 में एनबीए ग्रेड जारी किया था। तब महाविद्यालय की 3 बांच को एनबीए ग्रेडिंग मिली, जिसमें सिविल, मैकेनिकल के अलावा इलेक्ट्रिकल भी शामिल रहा। इस दफा नियमित शिक्षक न होने पर इलेक्ट्रिकल बांच का निरीक्षण एनबीए ने नहीं किया। ऐसे में, महज 3 वर्ष में महाविद्यालय ने इलेक्ट्रिकल ब्रांच का एक्रीडिटिएशन गवां दिया। बता दें कि महाविद्यालय में कुल पांच बांच हैं। नियमित शिक्षक न होने पर कम्प्यूटर साइंस व. इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच पहले से एनबीए ग्रेड से दूर हैं।
बाइट**बीके अग्रवाल, प्रिंसिपल, इंजिनियरिंग महाविद्यालय, रीवा
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